Uttarakhand weather: मौसम में बदलाव, बढ़ रही ठंड; सुबह में कोहरे की संभावना

Uttarakhand weather: उत्तराखंड में मौसम ने अचानक करवट ली है, और ठंड का अहसास बढ़ने लगा है। राज्य की राजधानी देहरादून में मौसम सूखा है और पूरे दिन तेज धूप बनी हुई है। हालांकि, अगले कुछ दिनों में मौसम के पैटर्न में कोई खास बदलाव की संभावना नहीं है। लेकिन, मौसम विभाग ने सुबह के समय देहरादून में कोहरे की भविष्यवाणी की है।
विभिन्न क्षेत्रों का मौसम
राज्य के अन्य क्षेत्रों में भी मौसम सूखा रहने की उम्मीद है। शनिवार को सुबह से ही राज्य में तेज धूप थी, जिसके कारण पारा सामान्य से अधिक बना रहा। हालांकि, सुबह और शाम के समय पहाड़ों से लेकर मैदानों तक ठंड का अनुभव किया जा रहा है। अधिकतर क्षेत्रों में अधिकतम और न्यूनतम तापमान के बीच दुगना अंतर है, फिर भी दोनों तापमान सामान्य से अधिक हैं।
मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक विक्रम सिंह के अनुसार, “दून में सुबह कोहरा और धुंध की संभावना है, जबकि रात में पाला भी पड़ सकता है। दिन में तेज धूप रहने की उम्मीद है। अगले कुछ दिनों तक राज्य के अन्य क्षेत्रों में मौसम सूखा रहने की संभावना है।”
मुख्य शहरों का तापमान
शहरों के तापमान की जानकारी निम्नलिखित है:
- देहरादून: अधिकतम 31.4°C, न्यूनतम 17.6°C
- उधम सिंह नगर: अधिकतम 31.0°C, न्यूनतम 22.5°C
- मुकतेश्वर: अधिकतम 22.4°C, न्यूनतम 11.1°C
- न्यू टिहरी: अधिकतम 24.3°C, न्यूनतम 12.2°C
चार धाम यात्रा की पवित्र छड़ी यात्रा
इस बीच, पंचदशनाम जूना अखाड़े की पवित्र छड़ी यात्रा भी चल रही है। यह यात्रा 2500 साल पहले जगदगुरु शंकराचार्य द्वारा शुरू की गई थी, जिसका उद्देश्य सनातन धर्म की रक्षा के साथ-साथ प्राचीन मठों और मंदिरों का पुनर्निर्माण करना और पवित्र गंगा के निरंतर प्रवाह को स्वच्छ बनाए रखना है। आज भी साधु और संन्यासी इस यात्रा को भक्ति भाव से जारी रखे हुए हैं।
यात्रा धार्मिक और पौराणिक स्थलों तथा चार धामों का दौरा करने के बाद कुमाऊं में लौटेगी। इस अवसर पर छड़ी यात्रा में शामिल साधु और संन्यासियों ने आश्रम में संचालित गोशाला में बेबस गायों की सेवा की सराहना की और लाटू मंदिर में प्रार्थना की। इसके साथ ही, संत भोला नाथ महाराज की समाधि पर पुष्प अर्पित किए।
कर्णप्रयाग में संतों का स्वागत
बद्रीनाथ यात्रा के बाद, पंचदशनाम जूना अखाड़े की पवित्र छड़ी यात्रा शनिवार को कर्णप्रयाग पहुंची। यहां उमामहेश्वर आश्रम के महंत ऐश्वर्यनाथ महाराज ने यात्रा में शामिल साधुओं और संन्यासियों का फूलों की वर्षा के साथ भव्य स्वागत किया। संतों का समूह आश्रम में विश्राम करने के बाद भंडारे में भाग लिया और क्षेत्र की समृद्धि के लिए प्रार्थना की।
महंत पुष्करगिरी ने बताया कि कर्णप्रयाग से यात्रा आदिबद्री धाम और थराली के रास्ते कुमाऊं डिवीजन में बागेश्वर के लिए रात्रि विश्राम करेगी। इसके बाद, यह यात्रा 7 नवंबर को बागेश्वर, कौसानी, रानीखेत, जाजेश्वर, पिथौरागढ़ होते हुए हरिद्वार के मायादेवी मंदिर जूना अखाड़े में समाप्त होगी।
उत्तराखंड में मौसम के बदलाव के साथ, ठंड की शुरुआत हो गई है। खासकर सुबह और शाम के समय ठंड का अहसास बढ़ने लगा है। राज्य में बारिश और ठंड के मौसम की दस्तक के बीच, छड़ी यात्रा और इसके साथ जुड़े धार्मिक आयोजनों से एक धार्मिक आस्था का भी संचार हो रहा है।
इस वर्ष की छड़ी यात्रा न केवल धार्मिक उद्देश्यों की पूर्ति कर रही है, बल्कि सामाजिक जिम्मेदारियों के प्रति जागरूकता भी फैला रही है। ठंड के इस मौसम में, प्रदेशवासियों से अपील है कि वे अपनी सेहत का ध्यान रखें और यात्रा में शामिल होने वाले साधु-संतों का सम्मान करें।
जैसे-जैसे दीपावली का त्योहार नजदीक आ रहा है, लोग इस मौसम का आनंद लेते हुए अपने-अपने घरों में रोशनी और खुशियों का संचार करें।