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Kedarnath: दिवाली पर भक्तों से पटाखे न जलाने की अपील, केदार सभा अध्यक्ष की विशेष घोषणा

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Kedarnath: केदारनाथ धाम में दिवाली पर आने वाले भक्तों के लिए केदार सभा के अध्यक्ष राजकुमार तिवारी ने एक विशेष अपील की है। उन्होंने सोशल मीडिया के माध्यम से सभी भक्तों से अनुरोध किया है कि वे दिवाली के अवसर पर धाम में आने पर पटाखे न जलाएं।

दिवाली पर विशेष अपील

राजकुमार तिवारी ने कहा, “दिवाली एक पर्व है, जो दीपों और खुशियों का प्रतीक है, लेकिन हमें यह याद रखना चाहिए कि यह हमारे प्राकृतिक और धार्मिक स्थलों के लिए महत्वपूर्ण है। अगर आप केदारनाथ धाम की यात्रा कर रहे हैं, तो कृपया पटाखे न जलाएं। इससे न केवल पर्यावरण को नुकसान पहुंचता है, बल्कि यह शांतिपूर्ण वातावरण को भी बिगाड़ता है।”

तिवारी ने यह भी बताया कि दिवाली पर धाम में भक्तों की संख्या अधिक होती है, और इस समय धार्मिक स्थलों को शांति और सम्मान के साथ मनाने की आवश्यकता है।

Kedarnath: दिवाली पर भक्तों से पटाखे न जलाने की अपील, केदार सभा अध्यक्ष की विशेष घोषणा

केदारनाथ धाम का महत्व

केदारनाथ धाम, भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है और हर साल लाखों भक्त यहां दर्शन करने आते हैं। यह स्थल हिमालय के उत्तराखंड राज्य में स्थित है और यह केवल कुछ महीने खुला रहता है। इस वर्ष केदारनाथ के द्वार 3 नवंबर को बंद होने वाले हैं, जिसके चलते भक्तों की संख्या में वृद्धि होने की संभावना है।

यात्रियों की संख्या का आंकड़ा

इस साल अब तक 14,73293 श्रद्धालुओं ने केदारनाथ धाम का दर्शन किया है, जो पिछले वर्ष की तुलना में कम है। 2023 में, 19,61025 भक्तों ने केदारनाथ की यात्रा की थी, जो इस वर्ष की संख्या से 12,85637 कम है।

इससे यह भी संकेत मिलता है कि भले ही श्रद्धालुओं की संख्या कम हो रही है, लेकिन हर भक्त की यात्रा का महत्व अनमोल होता है।

अन्य धामों की यात्रा

इस वर्ष यमुनोत्री में 6,93163, गंगोत्री में 7,93923 और बद्रीनाथ धाम में 11,95018 श्रद्धालुओं ने यात्रा की है। इन आंकड़ों से स्पष्ट होता है कि उत्तराखंड के चार धामों में यात्रा करने वाले भक्तों की संख्या में पिछले वर्षों की तुलना में कमी आई है।

तिवारी ने कहा, “हम सभी को अपने धार्मिक स्थलों की पवित्रता और शांति का सम्मान करना चाहिए। पटाखे जलाने से सिर्फ शांति भंग होती है, बल्कि इससे स्थानीय लोगों और श्रद्धालुओं के स्वास्थ्य पर भी बुरा प्रभाव पड़ सकता है।”

पर्यावरणीय चिंताएं

पटाखों के जलाने से होने वाले प्रदूषण के कारण न केवल वायुमंडल में धुआं भर जाता है, बल्कि यह जीव-जंतुओं और वनस्पतियों पर भी नकारात्मक प्रभाव डालता है। धाम में धार्मिक और प्राकृतिक सौंदर्य को बनाए रखने के लिए यह आवश्यक है कि भक्त इस पर ध्यान दें।

केदार सभा अध्यक्ष ने कहा, “हम सभी को मिलकर इस अपील का समर्थन करना चाहिए ताकि हमारी धार्मिक स्थलों की पवित्रता बनी रहे और प्राकृतिक वातावरण को भी नुकसान न पहुंचे।”

भक्तों के प्रति आभार

तिवारी ने भक्तों से आभार प्रकट किया जो केदारनाथ धाम की यात्रा करने आते हैं। उन्होंने कहा कि भक्तों की श्रद्धा और भक्ति से ही यह धाम महकता है। उन्होंने यह भी आग्रह किया कि भक्त इस दिवाली को एक नई शुरुआत के रूप में मनाएं, जिसमें हम सभी एक दूसरे के प्रति प्यार और सम्मान दिखाएं।

दिवाली का पर्व सभी के लिए खुशी और प्रकाश का पर्व है। केदारनाथ धाम में आने वाले भक्तों से राजकुमार तिवारी की अपील है कि वे इस पर्व को विशेष बनाने के लिए पटाखे न जलाएं। यह न केवल धाम की पवित्रता बनाए रखने में मदद करेगा, बल्कि हमारे पर्यावरण को भी सुरक्षित रखेगा।

सभी भक्तों से अनुरोध किया जा रहा है कि वे इस संदेश का पालन करें और केदारनाथ धाम में एक शांति और प्रेम का वातावरण बनाएं। एक साथ मिलकर हम इस दिवाली को विशेष बना सकते हैं।

इस अपील के साथ, हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हम अपने धार्मिक स्थलों का सम्मान करें और उन्हें सुरक्षित और सुंदर बनाए रखें।

Manoj kumar

Editor-in-chief

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