Uttarkashi में मस्जिद को लेकर हंगामा, धार्मिक संगठन ने निकाली रैली, स्थिति बेकाबू होते देख SDM मौके पर पहुंचे
Uttarkashi: मस्जिद को लेकर उत्तरकाशी में तनावपूर्ण माहौल बना हुआ है। एक धार्मिक संगठन ने मस्जिद को अवैध करार देते हुए इसके खिलाफ जनाक्रोश रैली निकाली है। पुलिस ने रैली को रोकने के लिए जगह-जगह बैरिकेडिंग की है, लेकिन लोगों का गुस्सा थमने का नाम नहीं ले रहा है। रैली के दौरान लोगों और पुलिस के बीच जमकर झड़प भी हुई।
मस्जिद के खिलाफ धार्मिक संगठन का विरोध
गुरुवार को धार्मिक संगठन द्वारा ‘जय श्री राम’ के नारों के साथ जनाक्रोश रैली निकाली गई। इस रैली के कारण स्थानीय बाजार पूरी तरह से बंद हो गए हैं। मस्जिद काफी पुरानी बताई जा रही है, लेकिन धार्मिक संगठन इसे अवैध करार दे रहा है। हालाँकि, जिला प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि यह मस्जिद सरकारी भूमि पर अवैध रूप से नहीं बनाई गई है और इसके संबंध में प्रेस विज्ञप्ति भी जारी की गई है, लेकिन संगठन इस बात को मानने को तैयार नहीं है।
पहले से तय कार्यक्रम के तहत निकली रैली
धार्मिक संगठन ने इस रैली का आयोजन पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत किया था। पुलिस ने रैली को रोकने के लिए भटवाड़ी रोड, भैरव चौक और सिंगल तिराहा सहित तीन जगहों पर बैरिकेड्स लगाए हैं। इन स्थानों पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया है ताकि रैली को मस्जिद तक पहुँचने से रोका जा सके।
मस्जिद के पास जाने की इजाजत नहीं
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि जब तक उन्हें मस्जिद के पास जाने की अनुमति नहीं मिलती, वे धरने पर बैठे रहेंगे। रैली में शामिल लोग लगातार भाषण दे रहे हैं और मस्जिद को अवैध घोषित करने की मांग कर रहे हैं। जैसे-जैसे स्थिति बिगड़ती जा रही थी, भटवाड़ी के एसडीएम मुकेश चंद रामोला मौके पर पहुँच गए। प्रशासन ने स्थिति पर नियंत्रण बनाए रखने के लिए कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की है, ताकि कोई अप्रिय घटना न हो।
चारधाम यात्रा के वाहनों का मार्ग बदला गया
रैली के कारण उत्तरकाशी के आसपास का यातायात भी प्रभावित हुआ है। प्रशासन ने पहले से ही चारधाम यात्रा के वाहनों को बड़ेथी, मनेरा और टेकला बाईपास से डायवर्ट कर दिया है ताकि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो। हालाँकि, रैली के कारण शहर के भीतर यातायात ठप हो गया है और बाजार बंद हैं, जिससे स्थानीय लोगों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प
रैली के दौरान जैसे ही जनाक्रोश रैली बैरिकेड्स के पास पहुँची, प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच तीखी झड़प हो गई। प्रदर्शनकारी पुलिस की बैरिकेडिंग तोड़ने का प्रयास कर रहे थे, जिसके बाद पुलिस को उन्हें रोकने के लिए बल प्रयोग करना पड़ा। स्थिति तनावपूर्ण हो गई, लेकिन पुलिस ने किसी भी बड़े टकराव से बचने के लिए संयम से काम लिया।
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि जब तक उन्हें मस्जिद के पास जाकर अपनी मांग नहीं रखने दी जाएगी, तब तक वे धरने पर बैठे रहेंगे। वहीं, प्रशासन ने स्पष्ट कर दिया है कि किसी भी परिस्थिति में मस्जिद के पास रैली को जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। पुलिस का कहना है कि किसी भी धार्मिक स्थल की सुरक्षा सुनिश्चित करना उनकी प्राथमिकता है और वे कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं।
प्रशासन की अपील
स्थिति को काबू में करने के लिए प्रशासन लगातार प्रदर्शनकारियों से बातचीत कर रहा है। जिला प्रशासन ने प्रदर्शनकारियों से शांति बनाए रखने की अपील की है और कहा है कि मस्जिद को लेकर जो भी विवाद है, उसे कानूनी तरीके से सुलझाया जाएगा। प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि मस्जिद सरकारी भूमि पर अवैध रूप से नहीं बनी है, और इस संबंध में कोई भी कार्रवाई अदालत के आदेश के अनुसार ही की जाएगी।
क्षेत्र में बढ़ाई गई सुरक्षा
प्रदर्शन के कारण उत्तरकाशी के संवेदनशील इलाकों में पुलिस बल की तैनाती बढ़ा दी गई है। एसडीएम मुकेश चंद रामोला और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने स्थिति का जायजा लिया और सुरक्षा व्यवस्था को सख्त करने के निर्देश दिए। प्रशासन यह सुनिश्चित कर रहा है कि रैली के दौरान किसी भी प्रकार की हिंसा न हो और स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में रहे।
जनाक्रोश रैली का उद्देश्य
धार्मिक संगठन के मुताबिक, यह रैली मस्जिद को हटाने के लिए जनाक्रोश जाहिर करने के उद्देश्य से निकाली गई है। संगठन का दावा है कि मस्जिद अवैध रूप से बनाई गई है और इसे तुरंत हटाया जाना चाहिए। हालांकि, प्रशासन और स्थानीय लोगों के एक बड़े वर्ग का मानना है कि यह मस्जिद कई वर्षों से यहां मौजूद है और इसे अवैध कहना गलत है। इस विवाद ने उत्तरकाशी के सामाजिक और धार्मिक ताने-बाने को प्रभावित किया है।
पुलिस की कार्रवाई और भविष्य की योजनाएँ
पुलिस प्रशासन ने इस पूरी स्थिति पर कड़ी नजर रखी हुई है। रैली के दौरान हुई झड़पों के बाद पुलिस ने कई प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया है और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा रही है। वहीं, रैली के आयोजकों का कहना है कि वे अपनी मांगों को लेकर पीछे नहीं हटेंगे और जब तक मस्जिद को अवैध घोषित नहीं किया जाता, तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा।
प्रशासन ने कहा है कि किसी भी प्रकार की हिंसा या गैरकानूनी गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। एसडीएम मुकेश चंद रामोला ने कहा कि सरकार और प्रशासन सभी धार्मिक स्थलों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं और किसी भी स्थिति में कानून-व्यवस्था को बिगड़ने नहीं दिया जाएगा।
उत्तरकाशी में मस्जिद को लेकर जारी यह विवाद स्थानीय प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया है। धार्मिक संगठन की रैली ने क्षेत्र में तनाव का माहौल पैदा कर दिया है, लेकिन प्रशासन स्थिति को शांतिपूर्ण तरीके से सुलझाने के प्रयास कर रहा है। इस घटना ने यह भी दर्शाया कि धार्मिक और सामाजिक मुद्दों को संभालने में संयम और कानूनी प्रक्रिया का पालन करना कितना महत्वपूर्ण है। आने वाले दिनों में यह देखना होगा कि प्रशासन और धार्मिक संगठन के बीच यह विवाद किस तरह सुलझता है और क्या इस क्षेत्र में शांति बहाल हो पाती है।