Udham Singh Nagar: भाजपा विधायक अरविंद पांडेय ने गदरपुर में श्रमिकों को वेतन न मिलने के खिलाफ पुलिस थाने में प्रतीकात्मक धरना दिया। विधायक के धरने के बाद, श्रमिकों को उनकी मजदूरी का भुगतान किया गया, जिसके बाद उन्होंने धरना समाप्त किया।
श्रमिकों की समस्याएँ
सोमवार को विधायक अरविंद पांडेय गदरपुर पुलिस थाने पहुंचे, जहाँ उन्होंने गिर्धारनगर के निवासी सोमपाल और उनकी पत्नी सोनाली के साथ मिलकर उनकी समस्याएँ सुनीं। इस जोड़े ने बताया कि वे गिर्धारनगर के रहने वाले सचिन के साथ मिलकर एक व्यक्ति, हरीश गुम्बर, जो बलरामनगर का निवासी है, के 15 एकड़ कृषि भूमि के एक चौथाई हिस्से में धान की फसल बोई थी। जब फसल तैयार हो गई, तो हरीश गुम्बर ने उन्हें उनका हिस्सा देने से मना कर दिया।
विधायक का सक्रिय हस्तक्षेप
श्रमिकों की दयनीय स्थिति को सुनकर विधायक अरविंद पांडेय ने बिना देरी किए गदरपुर पुलिस थाने का रुख किया। वहाँ उन्होंने श्रमिकों के हक में आवाज उठाते हुए एक प्रतीकात्मक धरना शुरू किया। विधायक के इस कदम ने स्थानीय लोगों और मीडिया का ध्यान आकर्षित किया, जिससे मामला और भी महत्वपूर्ण हो गया।
हरीश गुम्बर का पहुँचना
इस बीच, फसल के मालिक हरीश गुम्बर पूर्व सांसद के प्रतिनिधि भीम थुक्कल के साथ पुलिस थाने पहुंचे। उन्होंने धरने की स्थिति को समझते हुए श्रमिकों को उनका बकाया भुगतान करने का निर्णय लिया। हरीश गुम्बर ने तुरंत श्रमिकों को उनके श्रम का भुगतान किया, जिससे यह स्थिति खत्म हो गई।
धरना समाप्ति और पुलिस की प्रतिक्रिया
पुलिस थाने के प्रभारी जसवीर सिंह चौहान ने पुष्टि की कि जब सोमपाल को उनका पैसा सौंपा गया, तो विधायक ने धरना समाप्त कर दिया। इस घटना में विधायक के साथ सुरजीत सिंह सोनू, राकेश भुद्दी, तरुण दुबे, मंदीप सिंह बिट्टा, चंकित हुदिया और ओम प्रकाश डोगरा जैसे कई समर्थक भी मौजूद थे।
समाज में सकारात्मक बदलाव
इस घटना ने यह स्पष्ट किया कि जब जन प्रतिनिधि अपने क्षेत्र के श्रमिकों के साथ खड़े होते हैं, तो उनके हक के लिए लड़ाई को उचित रूप से सुना और निपटाया जा सकता है। विधायक अरविंद पांडेय के इस प्रयास ने न केवल श्रमिकों को उनकी मेहनत का उचित मुआवजा दिलाया, बल्कि यह संदेश भी दिया कि सामाजिक न्याय के लिए जनप्रतिनिधियों का सक्रियता से काम करना कितना आवश्यक है।