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Fake Currency: LLB छात्र और उसके दोस्त का नकली नोट बनाने का चौंकाने वाला मामला

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Fake Currency: उत्तर प्रदेश के अमरोहा से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां एक LLB छात्र और उसके दोस्त ने नकली नोट बनाने के लिए यूट्यूब का सहारा लिया और एक गैंग का गठन किया। पुलिस ने दोनों आरोपियों को 100 और 500 रुपये के नकली नोटों के साथ गिरफ्तार किया है, जिनसे 2.25 लाख रुपये की नकली करेंसी बरामद की गई है।

गैंग का भंडाफोड़

पुलिस ने बताया कि सलमान और बिलाल नामक दो आरोपी, जो अमरोहा के निवासी हैं, को गिरफ्तार किया गया है। वे मोरादाबाद के पाकबड़ा क्षेत्र में एक गुप्त ठिकाने पर छिपकर काम कर रहे थे। पाकबड़ा पुलिस ने उन्हें पकड़कर जेल भेज दिया है। सलमान मूल रूप से दिदौली, अमरोहा का निवासी है, जबकि बिलाल हैशमीनगर, अमरोहा का निवासी है।

गैंग की कार्यप्रणाली

पुलिस अधीक्षक (SP) सिटी रणविजय सिंह ने बताया कि उन्हें पाकबड़ा के बाजार में नकली नोटों के चलन की सूचना मिली थी। इसके बाद, एक टीम का गठन किया गया और दोनों आरोपियों को पकड़ लिया गया। सलमान, जो एक टैक्सी चालक है, को संदिग्ध तरीके से बाजार में नकली नोट खर्च करते हुए गिरफ्तार किया गया। उसके पास से बरामद नकली नोट वास्तविक नोटों की तरह दिखते थे, जिससे कोई भी उन पर तुरंत संदेह नहीं कर सका। उसकी जानकारी पर एक अन्य युवक को पकड़ा गया, जिसने अपना नाम बिलाल बताया।

Fake Currency: LLB छात्र और उसके दोस्त का नकली नोट बनाने का चौंकाने वाला मामला

नकली नोट बनाने की तकनीक

जांच में पता चला कि दोनों आरोपी A-4 साइज़ के कागज पर स्कैनर और प्रिंटर की मदद से नकली नोट तैयार करते थे। उन्होंने स्वीकार किया कि उन्होंने पाकबड़ा और आस-पास के गांवों में 70 हजार रुपये से अधिक के नकली नोट खर्च किए थे। पुलिस ने आरोपियों के पास से 2.28 लाख रुपये नकली नोटों के साथ-साथ उन्हें बनाने में इस्तेमाल होने वाले उपकरण भी बरामद किए हैं।

यूट्यूब से सीखी नकली नोट बनाने की कला

पुलिस के अनुसार, बिलाल गैंग का मास्टरमाइंड है, जिसने यूट्यूब के माध्यम से धोखाधड़ी के तरीकों को सीखा और नकली नोट बनाना शुरू किया। सलमान ने अपनी टैक्सी ड्राइवर की नौकरी के दौरान अपने नेटवर्क का इस्तेमाल किया और बिलाल के निर्देशों पर काम किया, जिससे दोनों ने एक बड़ा गिरोह बना लिया। सलमान हर यात्रा पर गैंग के अन्य सदस्यों को नकली नोट देकर उन्हें कुछ पैसे भी बांटता था।

बाजार में रिटेल में करते थे खरीदारी

आरोपियों ने यह सुनिश्चित करने के लिए कि कोई भी उन पर संदेह न करे, बाजार में नकली नोटों का खर्चा किया। इसके लिए उन्होंने असली और नकली नोटों को सही से संभाला। यदि किसी दुकानदार ने नोट की जाँच की और किसी प्रकार की आपत्ति जताई, तो वे तुरंत दूसरा नोट देते और कहते कि उन्हें गलत नोट दिया गया है।

आगे की कार्रवाई

पुलिस ने आरोपियों के मोबाइल फोन भी जब्त कर लिए हैं, जिससे गिरोह के अन्य सदस्यों के विवरण की जांच की जाएगी। पुलिस अब इस मामले की गहराई से जांच कर रही है ताकि ऐसे और अपराधियों का पता लगाया जा सके और उन्हें कड़ी सजा दिलाई जा सके।

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