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Roorkee: टेंडर प्रक्रिया निरस्त करने को लेकर पार्षदो ने किया हंगामा, नगर आयुक्त पर लगाए गंभीर आरोप

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रुड़की l नगर निगम रुड़की द्वारा जिला अधिकारी के निर्देश पर किए गए टेंडर निरस्त करने को लेकर आज पार्षदों ने नगर निगम में नगर आयुक्त के समक्ष जमकर हंगामा काटा l

उन्होंने नगर आयुक्त पर क्षेत्र के विकास कार्यों को प्रभावित करने का आरोप लगायाl उन्होंने कहा कि टेंडरो को गलत निरस्त किया गया है इससे नगर में विकास कार्य प्रभावित हो रहे हैंl सभी वार्डों में बदहाल स्थिती है, सड़के टूटी पड़ी है लाइट खराब है l

टेंडर निरस्त करने का कारण पूछने पर नगर आयुक्त ने बताया जो 130 कार्यों के टेंडर खोले गए थे उस पर कुछ लोगों द्वारा शिकायत की गई कि टेंडर सांठगांठ के चलते गलत तरीके से दिए गए हैं जिसके चलते सरकार को भी राजस्व का भारी नुकसान हुआ हैl

नगर आयुक्त ने बताया कि जब मामले की जांच की गई तो शिकायत को सही पाया गया और टेंडर कैंसिल कर दिए गए l कैंसिल किए गए टेंडर को लेकर नगर निगम पार्षद व नगर आयुक्त के बीच जमकर नोक झोक हुईl

जाने क्या है टेंडर निरस्तीकरण का मामला……

नगर निगम रुड़की के द्वारा लगभग साढ़े 12 करोड़ के 130 विकास कार्यों के लिए टेंडर किए गए थेl लेकिन कुछ ठेकेदारों द्वारा किए गए टेंडर में भारी अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए नगर आयुक्त से शिकायत की गई थीl शिकायतकर्ताओं का आरोप था कि प्रत्येक कार्य सेटिंग गेटिंग के चलते एक या डेढ़ परसेंट पर दिया गया है और प्रत्येक काम के लिए सिर्फ 3 निवेदाये आई हैl यह मामला जब जिलाधिकारी के संज्ञान में पहुंचा तो उन्होंने जांच के आदेश दिए l जांच में की गई शिकायतों को सही पाया गया जिसके आधार पर किए गए ठेकों को निरस्त कर पुन:नए सिरे से टेंडर करने के आदेश दिए गए l

पार्षदों के आरोप……

टेंडर निरस्त करने को लेकर पार्षदों का आरोप है कि यह सिर्फ विकास कार्यों को प्रभावित करने का काम किया जा रहा है l उन्होंने नगर आयुक्त पर आरोप लगाते हुए कहा कि लंबे समय से नगर के सभी वार्डो का बुरा हाल है जगह-जगह सड़के टूटी पड़ी है l वार्ड में लाइट खराब होने के चलते अंधेरा छाया हुआ है l कई बार नगर आयुक्त से लाइटों को लेकर शिकायत की गई लेकिन उन्होंने इस और कोई ध्यान नहीं दियाl इसके साथ ही उन्होंने नगर आयुक्त पर अनेक आरोप लगाए l एक पार्षद ने तो यहां तक कह दिया कि उन्हें इन मामलों को लेकर सुप्रीम कोर्ट तक घसीटा जाएगा l पार्षदों ने यह भी आरोप लगाया कि लगभग दो माह पूर्व भी लगभग 17 कार्यों के टेंडर किए गए थे वे कार्य भी लगभग एक परसेंट पर हुए थेl उनका आरोप था कि नगर निगम द्वारा उन टेंडर की जांच क्यों नहीं कराई गई और उन्हें क्यों निरस्त नहीं किया गया l

Manoj kumar

Editor-in-chief

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