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Dehradun: अपहरण की झूठी कहानी रचकर होटल में मस्ती करने वाले प्रॉपर्टी डीलर की गिरफ्तारी

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Dehradun: देहरादून में एक अनोखा मामला सामने आया है जिसमें एक प्रॉपर्टी डीलर ने अपनी ही अपहरण की झूठी कहानी रचकर न केवल पुलिस को भ्रमित किया, बल्कि अपने प्रतिकूलों को फंसाने का भी प्रयास किया। यह मामला तब उजागर हुआ जब पुलिस ने उसे और उसके दो साथियों को एक होटल से गिरफ्तार किया, जहाँ वे मस्ती करने के लिए पहुंचे थे।

अपहरण की सूचना

घटना की शुरुआत तब हुई जब दालनवाला पुलिस को सूचना मिली कि एक प्रॉपर्टी डीलर अमित मैगी का अपहरण कर लिया गया है। सूचना मिलते ही पुलिस ने इसे गंभीरता से लिया और उसकी खोजबीन शुरू कर दी। पुलिस की टीमों ने आसपास के CCTV कैमरों की फुटेज की जांच की और अपनी खुफिया प्रणाली को भी सक्रिय कर दिया।

खोजबीन की प्रक्रिया

पुलिस द्वारा की गई खोजबीन के दौरान, एक मुखबिर ने जानकारी दी कि अमित मैगी जिस अपहरण के मामले में पुलिस को परेशान कर रहा है, वह वास्तव में एक होटल में मौजूद है। जब पुलिस ने होटल पर छापा मारा, तो वहां अमित मैगी अपने दो साथियों के साथ पाया गया।

Dehradun: अपहरण की झूठी कहानी रचकर होटल में मस्ती करने वाले प्रॉपर्टी डीलर की गिरफ्तारी

झूठ की परतें

पुलिस को देखकर अमित मैगी घबरा गया और तुरंत सच बयां करने लगा। उसने पुलिस को बताया कि वह अपने दो साथियों विधान विश्नोई और साजिद के साथ उस होटल में आया था। उसने यह भी बताया कि वह राजपुर रोड पर एक संपत्ति के विवाद में फंसा हुआ था और अपने प्रतिकूलों को फंसाने के लिए उसने अपहरण की झूठी कहानी बनाई थी।

संपत्ति विवाद की पृष्ठभूमि

अमित मैगी ने बताया कि उसके और उसके प्रतिकूलों के बीच संपत्ति को लेकर विवाद चल रहा था। इस विवाद के चलते उसने सोच लिया कि अगर वह खुद को अपहृत बताकर कहानी बनाएगा, तो इससे उसे अपने प्रतिकूलों को दिक्कत में डालने का मौका मिलेगा। यह उसकी सोच का नतीजा था कि उसने इतना बड़ा कदम उठाने का निर्णय लिया।

गिरफ्तारी

इस झूठी सूचना के आधार पर, पुलिस ने अमित मैगी और उसके दो साथियों को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने बताया कि यह मामला न केवल समय की बर्बादी है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि लोग अपनी स्वार्थी इच्छाओं के लिए कितनी नीचे गिर सकते हैं। पुलिस अधीक्षक ने कहा कि आरोपी पर पुलिस को गुमराह करने का आरोप लगाया गया है और उनकी आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

समाज पर प्रभाव

इस तरह के मामलों का समाज पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। लोग जब इस तरह की गुमराह करने वाली कहानियों में शामिल होते हैं, तो इससे पुलिस का समय बर्बाद होता है और वास्तविक आपराधिक मामलों की जांच में भी बाधा आती है।

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