Uttarakhand: रामलीला के दौरान जेल से कैदियों का भागना, दो अन्य सहयोगी गिरफ्तार

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Uttarakhand में हाल ही में एक बेहद चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जब दो कैदी रोशनाबाद जेल से भाग गए। यह घटना तब हुई जब जेल में रामलीला का कार्यक्रम चल रहा था, जिससे पूरे क्षेत्र में हड़कंप मच गया। इस मामले में उत्तराखंड की विशेष कार्य बल (STF) ने कई जगहों पर छापेमारी की है और गिरफ्तारियों का सिलसिला जारी है।

कैदियों का फरार होना

प्रवीण वाल्मीकी, जो कि एक कुख्यात अपराधी है, का एक सहयोगी पंकज जेल से भागने में शामिल था। पंकज, जो गोलभट्टा कोतवाली, रुड़की का निवासी है, और दूसरा कैदी राजकुमार ने 9 अक्टूबर की रात जेल से फरार होने में सफलता पाई। इसके बाद पूरे जिले में सुरक्षा बढ़ा दी गई और छह पुलिस टीमों ने उनकी तलाश शुरू की।

STF का अभियान

Uttarakhand STF ने रुड़की और उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले में कई स्थानों पर छापेमारी की है। STF टीम अभी भी शहर में कैंप कर रही है और संभावित ठिकानों की तलाश कर रही है। पंकज के रिश्तेदार और परिचित रामनगर की नई कॉलोनी में रहते हैं, जिन पर STF की नज़र है।

STF के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पंकज के पकड़े जाने की संभावनाएं बढ़ रही हैं, क्योंकि उनकी जानकारी लगातार अपडेट की जा रही है। इस बीच, पंकज की गिरफ्तारी में मदद के लिए पुलिस ने भी स्थानीय लोगों से जानकारी मांगी है।

गिरफ्तारियाँ

पुलिस ने पहले पंकज के चचेरे भाई को गिरफ्तार किया था, जो उनकी जेल से भागने में मदद कर रहा था। अब, हरिद्वार पुलिस ने बबी और नितिन कुमार, जो कि इस्माइलपुर कोतवाली, लक्सर के निवासी हैं, को गिरफ्तार किया है। इन दोनों पर आरोप है कि उन्होंने कैदियों को भागने में मदद की। बबी को शूटर के चाचा का बेटा बताया जा रहा है, और ये दोनों आरोपित कैदियों को वाहन और नकद राशि उपलब्ध कराने में मदद कर रहे थे।

कानून और व्यवस्था की चुनौती

जेल से कैदियों का भागना एक गंभीर कानून और व्यवस्था का मुद्दा है, जो न केवल पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाता है, बल्कि यह समाज में भी एक डर का माहौल पैदा करता है। हरिद्वार जिले में यह घटना सुरक्षा एजेंसियों के लिए एक बड़ी चुनौती बन गई है।

उत्तराखंड STF और स्थानीय पुलिस की संयुक्त टीमें विभिन्न स्थानों पर छापे मार रही हैं और संदिग्धों से पूछताछ कर रही हैं। अधिकारियों ने यह सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए हैं कि ऐसी घटनाओं को भविष्य में रोका जा सके।

कैदियों के फरार होने के कारण

पुलिस द्वारा जुटाई गई जानकारी के अनुसार, रामलीला के दौरान जब कैदियों की सुरक्षा कम हो गई थी, उसी का लाभ उठाते हुए उन्होंने भागने का निर्णय लिया। ऐसे समय में, जब सभी लोग रामलीला में व्यस्त थे, कैदियों ने अपनी योजना को सफल बनाने में सफलता प्राप्त की।

भविष्य के लिए कदम

इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए, जेल प्रशासन को सुरक्षा उपायों को और सख्त करना होगा। इसमें CCTV कैमरों की संख्या बढ़ाना, जेल के अंदर सुरक्षा कर्मियों की संख्या में वृद्धि, और विशेष कार्यक्रमों के दौरान सुरक्षा को मजबूत करना शामिल हो सकता है।

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