अपना उत्तराखंड

Cyber Attack: उत्तराखंड में साइबर हमले के 15 दिन बाद भी स्थिति बिगड़ी, 102 में से 32 महत्वपूर्ण वेबसाइटें अभी भी बंद

Spread the love

Cyber Attack: उत्तराखंड सरकार के डेटा सेंटर पर हाल ही में हुए साइबर हमले के 15 दिन बाद भी राज्य में स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ है। सूचना प्रौद्योगिकी विकास एजेंसी (ITDA) अब तक अपने डेटा सेंटर को फिर से संचालित करने में असमर्थ रही है। कुल 102 महत्वपूर्ण वेबसाइटों में से 32 अभी भी बंद हैं, जिसके कारण सरकारी विभागों और आम जनता को गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।

वेबसाइटों का बंद होना: कौन-कौन से विभाग प्रभावित

बंद वेबसाइटों में विभिन्न विभाग शामिल हैं, जैसे कि सामाजिक कल्याण, स्वास्थ्य, सार्वजनिक कार्य विभाग, पर्यटन, सचिवालय, और SIDCUL। इन विभागों की वेबसाइटों के बंद होने के कारण न केवल सरकारी कार्य बाधित हो रहे हैं, बल्कि आम जनता को भी आवश्यक जानकारी और सेवाएं प्राप्त करने में कठिनाई हो रही है। वेबसाइटों के फिर से चालू होने से पहले उनकी स्कैनिंग की जा रही है, लेकिन स्थिति में सुधार की कोई उम्मीद नहीं दिख रही है।

विशेष कार्य बल (STF) का गठन

साइबर हमले की जांच के लिए विशेष कार्य बल (STF) का गठन किया गया है। हालांकि, अब तक यह पता नहीं चल पाया है कि हमले का केंद्र क्या था। सुरक्षा एजेंसियां अब हमले के भेजने वालों की जानकारी इकट्ठा करने में लगी हुई हैं। 2 अक्टूबर को अपराह्न क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क सिस्टम (CCTNS) परियोजना का काम ठप हो गया था।

जब राज्य सरकार की सूचना प्रौद्योगिकी विकास एजेंसी (ITDA) से जानकारी मांगी गई, तो पता चला कि ITDA सर्वर के हर फ़ोल्डर में हैकिंग से संबंधित संदेश (नोटपैड) दिखाई दे रहे थे। हैकर ने संपर्क के लिए एक ईमेल आईडी दी थी और भुगतान के बाद डेटा सुरक्षित देने का संदेश भेजा था। इस पर साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में खुदाई और IT अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया।

Cyber Attack: उत्तराखंड में साइबर हमले के 15 दिन बाद भी स्थिति बिगड़ी, 102 में से 32 महत्वपूर्ण वेबसाइटें अभी भी बंद

डेटा सुरक्षित कर काम को सुचारु बनाना

पांच दिनों की कठिन मेहनत के बाद, डेटा को सुरक्षित कर सभी कार्यों को सुचारु किया गया। इस मामले की जांच के लिए एक एसआईटी का गठन किया गया, जिसमें टीम CO अंकुश मिश्रा के पर्यवेक्षण में जांच कर रही है। STF द्वारा डेटा सुरक्षित करने के बाद, हैकर का पता लगाने की कोशिश की जा रही है।

डिजिटल लॉग और सबूतों को संरक्षित करने के लिए सिस्टम और फ़ाइलों को पुनः प्राप्त किया गया है, लेकिन जांच अभी भी पूरी नहीं हुई है। प्रारंभिक विश्लेषण में वायरस के तकनीकी कारण की भी जांच की जा रही है। तकनीकी उपकरण के वर्चुअल मशीन की एक कॉपी विश्लेषण के लिए भेजी जा रही है। भविष्य में, ऐसे वायरस के आने का कारण जानने से सूचना प्रौद्योगिकी प्रणाली को सुधारने में मदद मिलेगी।

IB निदेशक और DGP ने सुरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाने की दिशा में नई दिशा

उत्तराखंड में सुरक्षा प्रणाली को भविष्य में और अधिक प्रभावी बनाने के लिए इंटेलिजेंस एजेंसी IB के निदेशक और उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक के बीच एक विस्तृत चर्चा की गई। इस दौरान, दोनों शीर्ष अधिकारियों ने सुरक्षा के प्रति ठोस कदम उठाने का संकल्प व्यक्त किया।

शुक्रवार को वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की एक महत्वपूर्ण बैठक IB निदेशक तापन कुमार डेका के नेतृत्व में DGP उत्तराखंड अभिलाष कुमार के साथ आयोजित की गई। यह बैठक न केवल राज्य की सुरक्षा के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण थी, बल्कि इसने उत्तराखंड पुलिस और इंटेलिजेंस एजेंसियों के बीच आपसी सहयोग और समन्वय को नई दिशा भी दी।

सुरक्षा चुनौतियों पर चर्चा

इस बैठक में राज्य में उभरती सुरक्षा चुनौतियों, आंतरिक सुरक्षा के विभिन्न पहलुओं और इंटेलिजेंस एजेंसियों के बीच समन्वय बढ़ाने के तरीकों पर महत्वपूर्ण चर्चाएं हुईं। भविष्य में सुरक्षा प्रणाली को अधिक प्रभावी बनाने की दिशा में ठोस कदम उठाने का संकल्प व्यक्त किया गया।

इस मौके पर अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक और निदेशक अभियोजन PVK प्रसाद, IG ITBP संजय गुंज्याल, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक डॉ. V. मुरुगेशान, CBI, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक, इंटेलिजेंस और सुरक्षा AP अंशुमान, पुलिस महानिरीक्षक, उप पुलिस महानिरीक्षक और मुख्यालय पर उपस्थित वरिष्ठ पुलिस अधिकारी मौजूद थे।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button