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Bomb threat: एक और अंतरराष्ट्रीय उड़ान में बम की धमकी से मचा हड़कंप, जयपुर एयरपोर्ट पर कराई गई इमरजेंसी लैंडिंग

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Bomb threat: हाल के दिनों में विमानों में बम की धमकियों की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं। एक और अंतरराष्ट्रीय उड़ान को बम की धमकी मिलने के बाद आपातकालीन स्थिति में उतरना पड़ा है। यह घटना जयपुर एयरपोर्ट पर घटी, जहां एयर इंडिया एक्सप्रेस की उड़ान संख्या IX-196 को आपातकालीन लैंडिंग करानी पड़ी। यह विमान दुबई से जयपुर आ रहा था। जैसे ही विमान को बम की धमकी मिली, हड़कंप मच गया और सुरक्षाबलों को तुरंत अलर्ट कर दिया गया।

बम की धमकी से घबराहट

घटना की जानकारी के अनुसार, रात 12:45 बजे बम की धमकी मिली, जिससे विमान के अंदर दहशत का माहौल पैदा हो गया। विमान में 189 यात्री सवार थे और सभी के मन में डर और असमंजस की स्थिति थी। विमान को रात 1:20 बजे जयपुर हवाई अड्डे पर उतारा गया। विमान के उतरते ही सुरक्षा बलों ने तुरंत विमान की तलाशी शुरू की। पूरे विमान की बारीकी से जांच की गई, लेकिन किसी भी प्रकार की संदिग्ध वस्तु या बम नहीं पाया गया। हालांकि बम की धमकी झूठी निकली, लेकिन इसके कारण यात्रियों और विमान कर्मियों को तनाव का सामना करना पड़ा।

विस्तारा की उड़ान को भी मिली थी बम की धमकी

यह घटना पहली बार नहीं हुई है, जब किसी विमान को बम की धमकी के कारण आपातकालीन लैंडिंग करनी पड़ी हो। इससे पहले भी 18 अक्टूबर को दिल्ली से लंदन जा रही विस्तारा एयरलाइंस की उड़ान संख्या UK17 को भी बम की धमकी मिली थी। उस समय यह विमान फ्रैंकफर्ट, जर्मनी की ओर मोड़ दिया गया था और वहां सुरक्षित रूप से उतरा था। उस समय सोशल मीडिया पर बम धमकी दी गई थी, जिसके बाद विमान को फ्रैंकफर्ट डाइवर्ट किया गया। इस मामले में भी बम की धमकी झूठी साबित हुई थी, लेकिन विमान में मौजूद यात्रियों और क्रू सदस्यों के लिए यह अनुभव काफी भयावह था।

बम की झूठी धमकियों में तेजी

पिछले कुछ हफ्तों में भारतीय विमानन कंपनियों द्वारा संचालित लगभग 40 विमानों को बम की धमकियां मिली हैं। हालांकि, इनमें से सभी धमकियां बाद में झूठी पाई गईं। इन घटनाओं ने विमानन सुरक्षा एजेंसियों और यात्रियों के बीच चिंता का माहौल पैदा कर दिया है। बम की धमकी मिलने के बाद सुरक्षा प्रोटोकॉल के तहत तुरंत संबंधित अधिकारियों को सूचित किया जाता है, और विमान की दिशा मोड़ दी जाती है ताकि किसी भी अप्रिय घटना से बचा जा सके। हालांकि हर बार ये धमकियां झूठी निकल रही हैं, लेकिन यात्रियों की सुरक्षा के लिए इन घटनाओं को हल्के में नहीं लिया जा सकता।

Bomb threat: एक और अंतरराष्ट्रीय उड़ान में बम की धमकी से मचा हड़कंप, जयपुर एयरपोर्ट पर कराई गई इमरजेंसी लैंडिंग

सख्त कदम उठाने की योजना

इन घटनाओं को ध्यान में रखते हुए नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने ऐसे मामलों पर सख्त कदम उठाने की योजना बनाई है। मंत्रालय का मानना है कि बम की झूठी धमकियां देने वालों पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों। इस संबंध में एक योजना तैयार की जा रही है, जिसमें झूठी धमकी देने वाले लोगों को ‘नो-फ्लाई लिस्ट’ में डाला जा सकता है। यह सूची उन असामाजिक तत्वों को उड़ानों से प्रतिबंधित करेगी, जो इस तरह की हरकतों से न केवल विमानन सुरक्षा को खतरे में डालते हैं, बल्कि अन्य यात्रियों के जीवन को भी जोखिम में डालते हैं।

‘नो-फ्लाई लिस्ट’ का महत्व

‘नो-फ्लाई लिस्ट’ का मुख्य उद्देश्य उन यात्रियों की पहचान करना है, जो विमानों में दुर्व्यवहार या किसी भी तरह की असामाजिक गतिविधियों में लिप्त होते हैं। इस सूची में शामिल व्यक्तियों को उड़ानों में यात्रा करने से प्रतिबंधित किया जाएगा। इससे विमानन कंपनियों को असामाजिक तत्वों से निपटने में मदद मिलेगी और सुरक्षा मानकों को और कड़ा किया जा सकेगा। नागरिक उड्डयन मंत्रालय की योजना है कि बम की झूठी धमकियों को गंभीर अपराध की श्रेणी में रखा जाए, ताकि इसे रोकने के लिए सख्त कदम उठाए जा सकें।

विमानन सुरक्षा पर बढ़ती चुनौतियां

विमानन क्षेत्र में सुरक्षा हमेशा से ही प्राथमिकता रही है, और पिछले कुछ वर्षों में विमानन सुरक्षा को और अधिक सख्त किया गया है। हालांकि, बम की झूठी धमकियों जैसी घटनाओं ने सुरक्षा एजेंसियों के सामने नई चुनौतियां खड़ी कर दी हैं। प्रत्येक धमकी को गंभीरता से लिया जाता है और इसके लिए व्यापक सुरक्षा जांच की जाती है, लेकिन झूठी धमकियां न केवल संसाधनों का दुरुपयोग करती हैं, बल्कि यात्रियों को भी अनावश्यक तनाव में डालती हैं।

यात्रियों की सुरक्षा पर सरकार की प्रतिबद्धता

भारत सरकार और विमानन मंत्रालय यात्रियों की सुरक्षा को लेकर पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं। इसी कड़ी में ‘नो-फ्लाई लिस्ट’ और अन्य सख्त उपायों पर विचार किया जा रहा है ताकि ऐसे असामाजिक तत्वों को हतोत्साहित किया जा सके, जो विमानन सुरक्षा से खिलवाड़ करते हैं। मंत्रालय का मानना है कि इन घटनाओं को रोकने के लिए कानूनी प्रावधानों को और मजबूत करने की जरूरत है, ताकि बम की झूठी धमकियां देने वालों को कड़ी सजा दी जा सके।

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