Chamoli Accident: स्कूली बच्चों से भरी बोलेरो दुर्घटनाग्रस्त, 17 बच्चे सवार; चीख-पुकार मची
Chamoli Accident: उत्तराखंड के चमोली जिले से एक दर्दनाक हादसे की खबर सामने आई है, जहां स्कूली बच्चों से भरी एक बोलेरो वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो गई। इस हादसे में वाहन में कुल 17 बच्चे सवार थे, जिनमें से 6 बच्चे घायल हो गए। घटना के बाद इलाके में चीख-पुकार मच गई। घायल बच्चों को इलाज के लिए करनप्रयाग के उप-जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनका इलाज चल रहा है।
कैसे हुआ हादसा?
जानकारी के अनुसार, यह हादसा चमोली के कोली गदेरे के पास हुआ। दुर्घटनाग्रस्त बोलेरो वाहन में सवार सभी बच्चे सरकारी इंटर कॉलेज सिलपाटा के थे, जो एक शैक्षिक भ्रमण के तहत तुलसी महादेव जा रहे थे। यह यात्रा उनके स्कूल के दौरा कार्यक्रम का हिस्सा थी। जैसे ही वाहन कोली गदेरे के पास पहुंचा, अचानक वाहन चालक का नियंत्रण खो गया और बोलेरो सड़क पर पलट गई।
यह हादसा बारी-चिमटा मोटर मार्ग पर हुआ, जो एक पहाड़ी इलाका है। पहाड़ी सड़कों पर अक्सर इस तरह की दुर्घटनाएं होती रहती हैं, लेकिन जब इसमें मासूम बच्चे शामिल होते हैं, तो हादसे का असर और भी भयावह हो जाता है। इस घटना ने एक बार फिर पहाड़ी क्षेत्रों में सड़क सुरक्षा और यातायात प्रबंधन की स्थिति पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
घायल बच्चों का इलाज
दुर्घटना के तुरंत बाद, स्थानीय लोगों और पुलिस की मदद से घायलों को करनप्रयाग के उप-जिला अस्पताल लाया गया। बताया जा रहा है कि सभी बच्चों की हालत स्थिर है, और उन्हें अस्पताल में आवश्यक उपचार मिल रहा है। हालांकि, दुर्घटना के बाद बच्चों में डर और तनाव का माहौल है, और उन्हें मानसिक रूप से भी संभालने की जरूरत है।
दो की मौत, एक गंभीर रूप से घायल
एक अन्य दुर्घटना भी चमोली जिले के गोपेश्वर क्षेत्र में घटी, जिसमें दो लोगों की मौत हो गई और एक व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हो गया। यह हादसा जोशीमठ नीति मलारी हाईवे पर सुरैथोटा भपकुंड के पास हुआ, जहां एक कैंपर वाहन अनियंत्रित होकर खाई में गिर गया। इस हादसे में वाहन में सवार तीन व्यक्तियों में से दो की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि एक व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हो गया।
मृतकों की पहचान 34 वर्षीय चालक माणिक सिंह रन्याल निवासी जम्मू-कश्मीर और 27 वर्षीय कर्नल सिंह निवासी उधमपुर जम्मू-कश्मीर के रूप में हुई है। वहीं, गंभीर रूप से घायल राजवीर सिंह चिब का इलाज चल रहा है, जिन्हें प्राथमिक उपचार के बाद जिला अस्पताल गोपेश्वर भेजा गया।
हादसे के कारण
सूत्रों के मुताबिक, यह हादसा रात के समय हुआ जब तीनों व्यक्ति एक वाहन में सवार होकर सीपीपीएल कंपनी के कामकाज की जांच के लिए निकले थे। यह कंपनी क्षेत्र में सड़क निर्माण के कार्यों में लगी हुई थी, और तीनों लोग मजदूरों और मशीनों की देखरेख के लिए निकले थे। अचानक वाहन भपकुंड के पास अनियंत्रित होकर 40 मीटर गहरी खाई में गिर गया।
स्थानीय लोगों ने सुबह सीपीपीएल कैंप में जाकर इस दुर्घटना की जानकारी दी, जिसके बाद पुलिस और एसडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंची और राहत कार्य शुरू किया।
पहाड़ी सड़कों पर बढ़ती दुर्घटनाएं
चमोली और अन्य पहाड़ी क्षेत्रों में सड़क दुर्घटनाएं आम होती जा रही हैं। खासकर बरसात के मौसम में सड़कें फिसलन भरी और खतरनाक हो जाती हैं, जिससे वाहन चालकों के लिए नियंत्रण बनाए रखना कठिन हो जाता है। इसके अलावा, इन सड़कों पर पर्याप्त सुरक्षा इंतजाम नहीं होते, जिससे दुर्घटनाओं की संभावना और बढ़ जाती है।
पिछले कुछ वर्षों में उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में सैकड़ों सड़क दुर्घटनाएं हुई हैं, जिनमें कई लोगों की जान जा चुकी है। ऐसी घटनाएं यह सवाल उठाती हैं कि क्या पहाड़ी क्षेत्रों में यातायात सुरक्षा के लिए पर्याप्त कदम उठाए जा रहे हैं? सड़क निर्माण और रखरखाव के साथ-साथ, वाहन चालकों को भी पहाड़ी मार्गों पर विशेष सावधानी बरतनी चाहिए।
प्रशासन की कार्रवाई
घटना के बाद प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई की और राहत कार्यों में तेजी लाई। घायलों को समय पर अस्पताल पहुंचाया गया, जिससे उनकी जान बचाई जा सकी। साथ ही, दुर्घटना स्थल की जांच के लिए पुलिस और एसडीआरएफ की टीमें भेजी गईं, जिन्होंने दुर्घटना के कारणों की जांच की।
प्रशासन ने कहा है कि पहाड़ी क्षेत्रों में सड़क सुरक्षा को मजबूत बनाने के लिए नए उपाय किए जा रहे हैं। विशेषकर स्कूल वाहनों के लिए कड़े नियम बनाए जा रहे हैं, ताकि बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। इसके साथ ही, वाहन चालकों को नियमित प्रशिक्षण दिया जाएगा और उन्हें पहाड़ी सड़कों पर ड्राइविंग के लिए आवश्यक सावधानियों के बारे में जागरूक किया जाएगा।
क्या किया जा सकता है?
इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए सरकार और प्रशासन को मिलकर ठोस कदम उठाने की जरूरत है। सबसे पहले, पहाड़ी सड़कों की स्थिति को सुधारने और वहां पर उचित सुरक्षा इंतजाम करने की आवश्यकता है। इसके साथ ही, वाहन चालकों को सावधानीपूर्वक ड्राइविंग करने के लिए प्रोत्साहित करना और स्कूलों को बच्चों की सुरक्षा के लिए सही प्रकार के वाहन और प्रशिक्षित चालक प्रदान करना भी आवश्यक है।