Bihar: वैशाली जिले के गोरिगामा गांव के पास एक लग्जरी कार, जिस पर पुलिस का स्टीकर लगा हुआ था, तेज़ी से गुजर रही थी। पुलिस ने उसे हाथ दिखाकर रोका, लेकिन जब कार की चेकिंग की गई, तो पुलिस को बड़ा झटका लगा। इस कार से 45 कार्टन विदेशी शराब बरामद की गई, जो लगभग 539 लीटर थी।
यह कार्रवाई महनार थाना की पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर की। वाहन चेकिंग के दौरान, दोनों तस्कर पुलिस को धोखा देने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन उनकी चालाकी पुलिस के सामने काम नहीं आई और उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।
तस्करों की पहचान
गिरफ्तार किए गए तस्करों की पहचान विकास कुमार और रवि कुमार के रूप में हुई। विकास कुमार, अशोक प्रसाद का बेटा है, जो देसरी थाना क्षेत्र के मुरावातपुर का निवासी है। वहीं रवि कुमार, राजू शर्मा का बेटा है, जो नगर थाना क्षेत्र के जधुआ वार्ड नंबर 36 का निवासी है। पुलिस ने दोनों तस्करों और शराब से भरी कार को थाने लाकर पूछताछ की और उनके खिलाफ मामला दर्ज कर उन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया।
सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि गिरफ्तार तस्कर विकास कुमार की पत्नी औरंगाबाद जिले में जेल पुलिस के रूप में कार्यरत है।
बरामद लग्जरी कार का पता चला
बरामद की गई लग्जरी कार विकास कुमार की पत्नी के नाम पर पंजीकृत है। पुलिस पूछताछ में तस्कर ने बताया कि वह सिलिगुड़ी से विदेशी शराब लेकर आ रहा था और उसे समस्तीपुर जिले के शाहपुर पटोरी में पहुंचाना था। महनार थाना अध्यक्ष विश्व रंजन सिंह ने बताया कि गुप्त सूचना के आधार पर लग्जरी कार में शराब ले जा रहे दोनों तस्करों को वाहन चेकिंग के दौरान गिरफ्तार किया गया।
शराब पश्चिम बंगाल में निर्मित थी
जब पुलिस ने शराब की जांच की, तो पता चला कि यह शराब और बीयर पश्चिम बंगाल में निर्मित थी। तस्कर सिलिगुड़ी से यह शराब लेकर बिहार के समस्तीपुर जिले के शाहपुर पटोरी में सप्लाई करने जा रहे थे।
शराब तस्करी की योजनाएं और पुलिस की सतर्कता
यह घटना यह इशारा करती है कि बिहार में शराबबंदी के बावजूद शराब तस्करी के मामलों में बढ़ोतरी हो रही है। शराब तस्करों ने पुलिस से बचने के लिए कई तरह की योजनाएं बनाई हैं, जिनमें इस लग्जरी कार पर पुलिस का स्टीकर लगाना भी शामिल था। तस्करों ने सोचा था कि पुलिस की गाड़ी समझकर उन्हें रोका नहीं जाएगा, लेकिन पुलिस की सतर्कता ने उनकी साजिश को नाकाम कर दिया।
पुलिस की गुप्त सूचना और कार्रवाई
महनार थाना की पुलिस को गुप्त रूप से सूचना मिली थी कि एक लग्जरी कार में बड़ी मात्रा में शराब की तस्करी की जा रही है। इस सूचना के आधार पर पुलिस ने गोरिगामा गांव के पास वाहन चेकिंग अभियान चलाया और तस्करों को रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया।
गिरफ्तार तस्कर का बयान
गिरफ्तार तस्कर विकास कुमार ने पुलिस को बताया कि वह सिलिगुड़ी से विदेशी शराब लेकर आ रहा था और इसे समस्तीपुर जिले के शाहपुर पटोरी में पहुंचाना था। विकास ने यह भी स्वीकार किया कि उसने पहले भी इस तरह की तस्करी की थी और इस बार पुलिस से बचने के लिए उसने अपनी कार पर पुलिस का स्टीकर लगा दिया था।
शराबबंदी के बावजूद तस्करी
बिहार में 2016 से शराबबंदी लागू है, लेकिन इसके बावजूद शराब तस्करों की गतिविधियां थमने का नाम नहीं ले रही हैं। राज्य में शराबबंदी के सख्त कानून होने के बावजूद तस्कर नए-नए तरीके अपनाकर शराब की तस्करी कर रहे हैं। पुलिस द्वारा तस्करों के खिलाफ लगातार सख्त कार्रवाई की जा रही है, लेकिन तस्कर अपने अवैध धंधे को चलाने के लिए नई-नई योजनाएं बना रहे हैं।
पुलिस का बयान
महनार थाना अध्यक्ष विश्व रंजन सिंह ने कहा कि शराब तस्करी के खिलाफ पुलिस का अभियान लगातार जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि गुप्त सूचनाओं के आधार पर पुलिस द्वारा और भी सख्त कदम उठाए जाएंगे ताकि ऐसे तस्करों को पकड़ा जा सके। उन्होंने यह भी कहा कि गिरफ्तार तस्करों से पूछताछ के बाद और भी महत्वपूर्ण जानकारी मिलने की उम्मीद है, जिससे पुलिस को शराब तस्करी के नेटवर्क को ध्वस्त करने में मदद मिलेगी।
बिहार में शराबबंदी की स्थिति
बिहार में 2016 में लागू की गई शराबबंदी को सफल बनाने के लिए राज्य सरकार ने सख्त कानून बनाए हैं। इन कानूनों के तहत शराब की बिक्री, तस्करी और सेवन पर पूरी तरह से प्रतिबंध है। इसके बावजूद, शराब तस्करी के मामले सामने आते रहते हैं। तस्कर शराब को दूसरे राज्यों से लाकर बिहार में बेचने की कोशिश करते हैं और इसके लिए वे नए-नए तरीके अपनाते हैं।
राज्य सरकार ने शराबबंदी कानून को सफल बनाने के लिए पुलिस और प्रशासन को कड़े निर्देश दिए हैं, लेकिन इसके बावजूद तस्कर कानूनों को धता बताकर अपना अवैध धंधा चला रहे हैं।