Uttarakhand: केदारनाथ विधानसभा सीट पर 20 नवंबर से उपचुनाव होने की घोषणा

Spread the love

Uttarakhand: उत्तराखंड की केदारनाथ विधानसभा सीट पर उपचुनाव की तिथि का ऐलान हो चुका है। चुनाव आयोग ने आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि केदारनाथ विधानसभा सीट पर मतदान 20 नवंबर को होगा, जबकि मतगणना 23 नवंबर को की जाएगी। यह उपचुनाव पूर्व विधायक शैलरानी रावत के निधन के बाद आयोजित किया जा रहा है, जिनकी मृत्यु से इस सीट पर लगभग 92,000 मतदाता हैं।

चुनावी प्रक्रिया

उपचुनाव की प्रक्रिया का आगाज 29 अक्टूबर से होगा, जब नामांकन की प्रक्रिया शुरू होगी। नामांकन वापस लेने की अंतिम तिथि 4 नवंबर रखी गई है। इस उपचुनाव में भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टियाँ पूरी ताकत से जुटी हुई हैं, ताकि वे केदारनाथ की इस महत्वपूर्ण सीट को जीत सकें।

भाजपा की रणनीति

भाजपा ने इस उपचुनाव के लिए अपने कार्यकर्ताओं को मंडल से लेकर बूथ स्तर तक की जिम्मेदारी सौंप दी है, जिससे हर स्तर पर सक्रियता सुनिश्चित की जा सके। पार्टी ने यह सुनिश्चित किया है कि सभी जिला और ब्लॉक स्तर के अधिकारी दूर-दराज के गांवों में जनसंपर्क करें। भाजपा की रणनीति यह है कि वह हर मतदाता से संपर्क करें और उनकी समस्याओं को सुनें।

भाजपा के नेता, मंत्री, विधायक और स्थानीय अधिकारी लगातार केदारनाथ विधानसभा के हर गांव में जाकर जनसंपर्क कर रहे हैं। यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि भाजपा अपने मतदाताओं के बीच एक मजबूत उपस्थिति बनाए रखे। पार्टी की इस रणनीति का उद्देश्य है कि वह चुनावी माहौल को अपने पक्ष में कर सके और मतदाताओं का समर्थन प्राप्त कर सके।

कांग्रेस की तैयारी

वहीं, कांग्रेस ने भी केदारनाथ उपचुनाव के लिए अपनी तैयारी तेज कर दी है। पार्टी ने यह निर्णय लिया है कि वह आपदा प्रभावित लोगों की समस्याओं को चुनावी मुद्दा बनायेगी। कांग्रेस के नेताओं ने दावा किया है कि भाजपा ने इन मुद्दों पर ध्यान नहीं दिया है, और पार्टी इस अवसर का उपयोग करके मतदाताओं के बीच अपनी छवि को सुधारने का प्रयास कर रही है।

कांग्रेस ने केदारनाथ प्रतिष्ठा रक्षा यात्रा का आयोजन किया है, जिसका उद्देश्य पार्टी के प्रति सकारात्मक माहौल तैयार करना है। इस यात्रा के माध्यम से, कांग्रेस ने यह संदेश देने का प्रयास किया है कि वह जनता के मुद्दों के प्रति गंभीर है और उनकी समस्याओं का समाधान करने के लिए प्रतिबद्ध है।

चुनाव का महत्व

केदारनाथ विधानसभा सीट उत्तराखंड में एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है, जिसकी धार्मिक और सांस्कृतिक विशेषताएँ इसे एक खास पहचान देती हैं। यह सीट केवल एक राजनीतिक क्षेत्र नहीं है, बल्कि इस क्षेत्र का धार्मिक महत्व भी है, क्योंकि केदारनाथ मंदिर देश के प्रमुख तीर्थ स्थलों में से एक है। इस वजह से, यहाँ का चुनाव केवल राजनीतिक जीत तक सीमित नहीं है, बल्कि धार्मिक आस्था और सामाजिक समर्पण से भी जुड़ा हुआ है।

मतदाताओं की अपेक्षाएँ

इस उपचुनाव में मतदाताओं की अपेक्षाएँ भी काफी बढ़ गई हैं। लोगों का मानना है कि जो भी पार्टी विजयी होगी, उसे आपदा प्रबंधन, विकास और स्थानीय समस्याओं को हल करने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए। इसके साथ ही, वे यह भी चाहते हैं कि जो भी पार्टी सत्ता में आए, वह उनके धार्मिक और सांस्कृतिक मूल्य को बनाए रखे।

Exit mobile version