Uttarakhand: सीएम धामी का मुस्सोली मामले पर कड़ा संदेश, ‘थूक जिहाद’ को बर्दाश्त नहीं करेंगे

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Uttarakhand: उत्तराखंड की देवभूमि में हाल ही में हुई मसूरी  की घटना ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के रुख को और अधिक कड़ा कर दिया है। मुख्यमंत्री धामी ने स्पष्ट किया है कि राज्य में किसी भी प्रकार के जिहाद, चाहे वह भूमि जिहाद हो, प्रेम जिहाद हो या थूक जिहाद, बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने इस मुद्दे पर कई बार अपनी बात दोहराई है, यह दर्शाते हुए कि देवभूमि की पहचान को बनाए रखना उनकी प्राथमिकता है।

मसूरी  का विवाद

मसूरी  में हुई घटना ने पूरे राज्य में हलचल पैदा कर दी है। इस घटना के बाद मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि जो लोग देवभूमि की प्रकृति को बिगाड़ने की कोशिश करेंगे, उन्हें किसी भी कीमत पर रोका जाएगा। धामी का कहना है कि उत्तराखंड एक शांतिप्रिय, धार्मिक और सांस्कृतिक राज्य है, जिसकी पहचान को बनाए रखना अत्यंत महत्वपूर्ण है।

मुख्यमंत्री का कड़ा संदेश

देहरादून में आयोजित एक कार्यक्रम में, मुख्यमंत्री धामी ने कहा, “हमारी देवभूमि का मूल स्वरूप बरकरार रहना चाहिए। उत्तराखंड देश और दुनिया में एक विशेष स्थान रखता है। लोग देवभूमि को श्रद्धा और विश्वास के साथ देखते हैं।” उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकार भूमि जिहाद, प्रेम जिहाद और थूक जिहाद के खिलाफ कड़े कदम उठाने के लिए प्रतिबद्ध है।

त्योहारों का मौसम

मुख्यमंत्री ने कहा कि त्योहारों का मौसम आ रहा है और यह सुनिश्चित करना हमारी प्राथमिकता है कि लोगों को शुद्ध भोजन और अन्य उपयोगी वस्तुएं प्राप्त हों। उन्होंने प्रशासन को निर्देश दिया है कि इस प्रकार के मामलों की गहन जांच की जाए। उनका कहना है, “उत्तराखंड देवभूमि में थूक जिहाद किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। हम इसे स्वीकार नहीं करेंगे।”

अवैध भूमि कब्जा और धार्मिक परिवर्तन

मुख्यमंत्री धामी ने हाल ही में अवैध भूमि कब्जे और धार्मिक परिवर्तन के मामलों को लेकर भी बयान दिए हैं। उन्होंने मुख्य सचिव और राजस्व सचिव को निर्देशित किया है कि वे सभी जिलों में भूमि कानूनों का उल्लंघन करके भूमि की खरीद-फरोख्त के मामलों की जांच करें और उचित कार्रवाई करें।

प्रशासन का कर्तव्य

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रशासन को ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई करनी होगी और हर जिले में इस संबंध में ठोस कदम उठाने होंगे। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर कोई व्यक्ति या समूह इस दिशा में कोई गलत कदम उठाता है, तो उसे गंभीर परिणामों का सामना करना पड़ेगा।

उत्तराखंड की पहचान

उत्तराखंड को ‘देवभूमि’ के रूप में जाना जाता है, और इसका एक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व है। यहाँ के पर्वत, नदियाँ और धार्मिक स्थल इसे एक विशेष पहचान देते हैं। मुख्यमंत्री धामी का मानना है कि इस पहचान को बनाए रखना आवश्यक है। वे यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि आने वाली पीढ़ियों के लिए देवभूमि की मूल संस्कृति और पहचान सुरक्षित रहे।

लोगों की अपेक्षाएँ

मुख्यमंत्री की कड़ी बातों के बीच, राज्य के नागरिकों की अपेक्षाएँ भी बढ़ गई हैं। लोग चाहते हैं कि सरकार इस मुद्दे पर ठोस कार्रवाई करे और उनके अधिकारों की रक्षा करे। उन्होंने यह भी कहा कि अगर प्रशासन प्रभावी कार्रवाई नहीं करता है, तो यह उनकी स्थिति को और अधिक कठिन बना देगा।

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