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Manipur में शांति लाने के लिए दिल्ली में अहम बैठक, पहली बार मैतेयी-कुकी और नगा नेता करेंगे बातचीत

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Manipur में लंबे समय से चल रही जातीय हिंसा को समाप्त करने और राज्य में शांति बहाल करने के उद्देश्य से आज दिल्ली में गृह मंत्रालय की ओर से एक महत्वपूर्ण बैठक बुलाई गई है। इस बैठक में मैतेयी-कुकी और नगा  समुदायों के विधायकों को शामिल किया गया है। यह पहली बार है जब इन समुदायों के नेताओं के बीच शांति बहाल करने के लिए बातचीत की जा रही है। मणिपुर में पिछले एक साल से जातीय संघर्ष चल रहा है और इस बैठक से उम्मीद की जा रही है कि हिंसा को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे।

तीन नगा  विधायक होंगे शामिल

इस बैठक में नगा  समुदाय के तीन विधायक हिस्सा लेंगे। हालांकि, अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि मीतई और कुकी समुदायों से कितने विधायक इस बैठक में शामिल होंगे। अधिकारियों के अनुसार, इस संवाद का उद्देश्य संघर्षरत समुदायों के बीच बातचीत की शुरुआत करना और इस संकट का समाधान निकालना है।

Manipur में शांति लाने के लिए दिल्ली में अहम बैठक, पहली बार मैतेयी-कुकी और नगा  नेता करेंगे बातचीत

मणिपुर हिंसा में अब तक 200 से अधिक लोगों की मौत

मणिपुर में मई 2023 से शुरू हुई जातीय हिंसा में अब तक 200 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है। नगा  समुदाय के तीन विधायक – अवांगबो न्यूमाई, एल. डिको और राम मुइवाह इस महत्वपूर्ण बैठक में शामिल होंगे। इनमें से राम मुइवाह पहले से ही दिल्ली में किसी निजी काम के सिलसिले में मौजूद हैं। ये तीनों विधायक नगा  पीपल्स फ्रंट (एनपीएफ) के सदस्य हैं, जो राज्य में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का सहयोगी दल है।

गृह मंत्रालय ने भेजा व्यक्तिगत निमंत्रण

स्थानीय मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, मणिपुर की राजधानी इंफाल से कई मीतई विधायक दिल्ली के लिए रवाना हो चुके हैं। ये सभी विधायक भाजपा से जुड़े हैं। इस बैठक में शामिल होने वाले सभी नगा , कुकी और मीतई विधायकों को गृह मंत्रालय द्वारा व्यक्तिगत रूप से पत्र और फोन के माध्यम से आमंत्रित किया गया है।

शांति के उपायों पर होगी चर्चा: न्यूमाई

इंफाल हवाई अड्डे पर पत्रकारों से बात करते हुए अवांगबो न्यूमाई ने कहा, “हमें कुछ मुद्दों पर चर्चा के लिए दिल्ली बुलाया गया है। हमें बैठक का सटीक एजेंडा अभी नहीं बताया गया है, लेकिन हम मणिपुर में शांति लाने के सभी संभावनाओं पर विचार कर रहे हैं।” विधायक एल. डिको ने कहा कि जब तक सभी समुदाय और लोग शामिल नहीं होंगे, तब तक मणिपुर में शांति लाना मुश्किल होगा।

गृह मंत्रालय की पहल सकारात्मक संकेत

डिको ने कहा, “गृह मंत्रालय की यह पहल एक बहुत ही सकारात्मक संकेत है और मैं इसके परिणामों को लेकर आशान्वित हूं। मैं इस बैठक में शामिल होना चाहता हूं और देखना चाहता हूं कि हम इस पहल के साथ कितनी दूर तक जा सकते हैं।” मणिपुर कांग्रेस के अध्यक्ष के मेघचंद्र ने कहा, “किसी भी समाधान तक पहुंचने की पहल का स्वागत किया जाना चाहिए, लेकिन विपक्षी पार्टी को इस बैठक के लिए आमंत्रित नहीं किया गया है।”

मणिपुर में बड़ी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद बरामद

इस बीच, मणिपुर में चल रही हिंसा के बीच, सुरक्षा बलों ने विभिन्न क्षेत्रों से बड़ी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद बरामद किए हैं। यह अभियान असम राइफल्स, मणिपुर पुलिस और अन्य सुरक्षा बलों के संयुक्त प्रयासों से चलाया गया। रक्षा मंत्रालय के अनुसार, यह अभियान पिछले हफ्ते खुफिया जानकारी के आधार पर चलाया गया था।

एके-47 और अन्य हथियार बरामद

7 अक्टूबर को बिष्णुपुर जिले में एक संयुक्त अभियान के दौरान कार्बाइन मशीन, एक एके-47 राइफल, एक 12 बोर सिंगल बैरल राइफल, एक 12 बोर पिस्टल, 2.5 किलोग्राम इम्प्रोवाइज्ड विस्फोटक सामग्री (आईईडी), गोला-बारूद और अन्य युद्ध सामग्री बरामद की गई।

मोर्टार और ग्रेनेड भी बरामद

चुराचांदपुर जिले से दो मोर्टार (पॉम्पे), दो पिस्टल, ग्रेनेड और अन्य युद्ध सामग्री बरामद की गई। इसके अलावा, 8 अक्टूबर को असम राइफल्स और मणिपुर पुलिस ने इंफाल पश्चिम के खेलाखोंग से 7.62 मिमी एसएलआर राइफल, .303 राइफल, 9 मिमी पिस्टल, ग्रेनेड और अन्य युद्ध सामग्री बरामद की।

देशी स्टेन गन भी जब्त

इंफाल पूर्व जिले के सगोलमंग में 9 अक्टूबर को हुए एक अभियान के दौरान एक एम-16 राइफल, दो एसएलआर, एक .22 राइफल, एक देशी स्टेन गन, दो कार्बाइन, आठ 9 मिमी देशी पिस्टल, गोला-बारूद और युद्ध सामग्री बरामद की गई।

मणिपुर हिंसा पर केंद्र सरकार का रुख

मणिपुर में हिंसा का मुद्दा राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा का विषय बना हुआ है। केंद्र सरकार लगातार मणिपुर में शांति बहाल करने के प्रयास कर रही है। यह बैठक उसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। हाल के महीनों में हुई हिंसा और संघर्ष ने राज्य को गंभीर संकट में डाल दिया है। सभी समुदायों के नेताओं को एक साथ लाकर, केंद्र सरकार ने यह संकेत दिया है कि वह मणिपुर में शांति स्थापित करने को लेकर गंभीर है।

क्या बैठक से कोई समाधान निकलेगा?

इस बैठक से उम्मीदें तो बहुत हैं, लेकिन यह देखना बाकी है कि क्या यह बैठक मणिपुर में चल रही हिंसा को रोकने के लिए कोई ठोस समाधान निकालने में सफल होगी। राज्य में जातीय संघर्ष और आपसी दुश्मनी गहराई से जमी हुई है, और ऐसे में शांति बहाली के लिए बड़े और ठोस कदम उठाने की जरूरत होगी।

भविष्य की दिशा

यह बैठक मणिपुर के भविष्य के लिए एक महत्वपूर्ण कदम हो सकती है, लेकिन यह कहना जल्दबाजी होगी कि इससे राज्य में स्थायी शांति आएगी। मणिपुर की जटिल समस्याओं का समाधान लंबे समय तक संवाद और सभी समुदायों के बीच आपसी सहयोग से ही संभव होगा।

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