Uttarakhand News: जंगल से तोते पकड़कर बेचने ले जा रहे दो युवक गिरफ्तार, 47 तोते बरामद; वन विभाग ने शुरू की जांच
Uttarakhand News: उत्तराखंड के जंगल से तोते पकड़कर उन्हें दिल्ली बेचने ले जा रहे दो युवकों को वन विभाग ने गिरफ्तार कर लिया है। इन युवकों के पास से कुल 47 तोते बरामद किए गए हैं। इसके बाद वन विभाग ने दोनों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की और बरामद किए गए तोतों को जंगल में वापस छोड़ दिया। यह मामला वन्यजीव संरक्षण कानून के उल्लंघन से जुड़ा है, जो गंभीर अपराधों की श्रेणी में आता है।
घटना का पूरा विवरण
वन विभाग के उप-विभागीय अधिकारी शशि देव ने बताया कि वन विभाग और सुरक्षा दल की संयुक्त टीम को सूचना मिली थी कि खेड़ा गांव का एक युवक जंगल से तोते पकड़कर दिल्ली में बेचने की योजना बना रहा है। इस सूचना के आधार पर, वन अधिकारी टांडा रूप नारायण गौतम, सुरक्षा टीम प्रभारी कैलाश तिवारी, वन निरीक्षक हरीश नैयाल, सुरेंद्र सिंह और पान सिंह मेहता ने रविवार की दोपहर खेड़ा गांव में छापेमारी की।
47 तोते बरामद, दो युवकों की गिरफ्तारी
छापेमारी के दौरान टीम ने खेड़ा वार्ड नंबर 17 के निवासी नाईम रजा के घर से 47 जीवित तोते बरामद किए। इसके बाद नाईम रजा और उसके साथी फिरासत रजा, जो रेशमबाड़ी कॉलोनी वार्ड नंबर 13 के निवासी हैं, को गिरफ्तार कर लिया गया। घटनास्थल से दो जाल और दो पिंजरे भी बरामद किए गए। इन युवकों के खिलाफ भारतीय वन्यजीव संरक्षण अधिनियम की धारा 9, 11, 39, 50, 51 और 57 के तहत मामला दर्ज किया गया है।
वन्यजीव संरक्षण कानून का उल्लंघन
भारतीय वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत वन्यजीवों का शिकार, पकड़ना, व्यापार करना या किसी प्रकार की छेड़छाड़ करना दंडनीय अपराध है। इस अधिनियम का उल्लंघन करने पर कठोर दंड का प्रावधान है, जिसमें जुर्माने के साथ-साथ जेल भी हो सकती है। वन्यजीवों का अवैध शिकार और तस्करी पूरे देश में एक बड़ी समस्या बन चुकी है, और ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई की जाती है।
वन विभाग की कार्रवाई
वन विभाग ने इस मामले में त्वरित कार्रवाई की है और आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। पकड़े गए तोतों को सुरक्षित तरीके से जंगल में छोड़ दिया गया है ताकि उन्हें उनका प्राकृतिक आवास मिल सके। वन विभाग ने घटना की गंभीरता को देखते हुए मामले की गहन जांच शुरू कर दी है। विभाग अब यह भी जांच कर रहा है कि क्या आरोपियों का किसी बड़े तस्करी गिरोह से संबंध है या यह एकल मामला था।
जंगलों से जीवों की तस्करी: एक गंभीर समस्या
यह घटना उत्तराखंड के जंगलों में हो रही अवैध गतिविधियों की एक कड़ी मात्र है। वन्यजीव तस्करी एक वैश्विक समस्या है, और भारत के जंगलों से न केवल तोते बल्कि अन्य कई प्रजातियों के जीव भी तस्करी के लिए पकड़े जाते हैं। इस तरह की घटनाएं न केवल वन्यजीवों की संख्या घटाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं, बल्कि पारिस्थितिकी तंत्र पर भी बुरा असर डालती हैं।
वन्यजीव संरक्षण के लिए कानून होने के बावजूद, तस्करी के मामलों में लगातार वृद्धि हो रही है। तस्कर विभिन्न तरीकों से वन्यजीवों को पकड़ते और बेचते हैं। देश और विदेश में इन जीवों की भारी मांग होती है, जो इस अवैध व्यापार को बढ़ावा देती है।
दूसरी घटना: कार शोरूम से छह लाख की नकदी चुराने वाले गिरफ्तार
इसी दिन उत्तराखंड के काशीपुर में एक अन्य बड़ी चोरी की घटना में, आईटीआई पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया जो एक कार शोरूम से नकदी चुराकर फरार हो गए थे। पुलिस ने इनके पास से चोरी की गई रकम और चोरी के दौरान इस्तेमाल किए गए औजार भी बरामद किए हैं।
घटना का विवरण
6 अक्टूबर को, बिंदल हुंडई शोरूम में 5,93,500 रुपये की नकदी चोरी हो गई थी। शोरूम के मालिक दिलबाग सिंह ने पुलिस को इस घटना की सूचना दी थी। चोरों ने शोरूम की छत पर लगी ग्रिल को काटकर अंदर प्रवेश किया था। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज और मुखबिरों की मदद से यह पता लगाया कि यह एक मध्य प्रदेश की गैंग का काम है, जो बड़े शोरूम्स को निशाना बनाती है।
चोरी के आरोपियों की गिरफ्तारी
पुलिस ने शनिवार को मुखबिर की सूचना पर मेवालाल मोहिते, रवि जाधव और गोविंद चौहान को गिरफ्तार किया, जो महिंद्रा शोरूम के पीछे झाड़ियों में छिपे हुए थे। इनसे 3,79,000 रुपये नकद और चोरी के औजार बरामद किए गए हैं। पूछताछ के दौरान आरोपियों ने हुंडई शोरूम से चोरी की बात कबूल कर ली।
आरोपी दिन में सामान बेचते और रात में चोरी करते
पुलिस की पूछताछ में यह भी पता चला कि ये आरोपी दिन में शोरूम में सामान बेचने के बहाने आते थे और मौका मिलते ही रात में चोरी कर लेते थे। मेवालाल पहले भी इस तरह की घटनाओं में शामिल रहा है और उस पर कई चोरी के मामले दर्ज हैं। पुलिस अब इस गैंग के चौथे आरोपी की तलाश में जुटी हुई है।