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Kanpur Murder: कानपुर में दिल दहला देने वाली घटना, पत्नी की हत्या कर पति हुआ फरार

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Kanpur Murder: उत्तर प्रदेश के कानपुर के अंबेडकरनगर क्षेत्र से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। यहाँ एक अनाज व्यापारी ने अपने ही पत्नी की हत्या कर दी। यह हत्या पति द्वारा शराब के नशे में किए गए विवाद के कारण हुई है। आरोपी पति ने पत्नी को तौलने वाले बाट से पीटकर मौत के घाट उतार दिया। हत्या के बाद आरोपी ने CCTV कैमरों को बंद कर घटना स्थल से फरार हो गया।

घटना का पूरा विवरण

मृतक महिला का नाम पुष्पांजलि उर्फ पूजा (32) है, जो कानपुर ग्रामीण के मैथाकोड़वा की निवासी थीं। पूजा की शादी दिसंबर 2011 में अनाज व्यापारी हरीशचंद्र अग्निहोत्री से हुई थी, जो अंबेडकरनगर LIG क्षेत्र के निवासी हैं। शादी के बाद से ही पूजा की ज़िंदगी समस्याओं से घिरी रही। पूजा के भाई संजय बताते हैं कि उनके भाई हरीशचंद्र नशे का आदी थे और अक्सर अपनी बहन से पैसे की मांग करते थे। जब उनकी मांग पूरी नहीं होती थी, तो वह पूजा को पीटते थे।

Kanpur Murder: कानपुर में दिल दहला देने वाली घटना, पत्नी की हत्या कर पति हुआ फरार

विवाद की रात और हत्या

सोमवार की रात, हरीशचंद्र शराब के नशे में घर आया और पूजा के साथ बहस करने लगा। जब पूजा ने इसका विरोध किया, तो हरीशचंद्र गुस्से में आकर तौलने वालेWeights से पूजा को सिर और चेहरे पर मार दिया। पूजा को गंभीर चोटें आईं और वह अत्यधिक रक्तस्राव के कारण बेहोश हो गईं। मौके पर ही उनकी मौत हो गई।

CCTV कैमरों को बंद कर भाग गया आरोपी

इस घटना के बाद, हरीशचंद्र ने घर में लगे CCTV कैमरों को बंद कर दिया और मौके से फरार हो गया। पुलिस ने बताया कि आरोपी ने केवल कैमरे नहीं बंद किए, बल्कि वह कैमरों का DVR भी अपने साथ ले गया। उसने अपने अपराध के सबूतों को मिटाने के लिए यह कदम उठाया।

परिवार का आरोप: प्रताड़ना के कारण हुई गर्भपात

पूजा के परिवार का आरोप है कि शादी के बाद से उसे लगातार उसके पति और ससुराल वालों द्वारा प्रताड़ित किया जा रहा था। पूजा के भाई संजय का कहना है कि हरीशचंद्र और उसके परिवार वाले अक्सर पूजा से पैसे की मांग करते थे और जब उनकी मांग पूरी नहीं होती थी, तो वे उसके साथ बदतमीजी करते थे। परिवार का यह भी दावा है कि एक साल पहले पूजा का गर्भपात भी उसके पति और ससुराल वालों की प्रताड़ना के कारण हुआ था।

11 साल का बेटा भी प्रताड़ना में शामिल

पूजा के पिता राजोल ने आरोप लगाया है कि उनके 11 वर्षीय पोते और अन्य ससुराल वाले भी उनकी बेटी के हत्या में शामिल थे। पिता का कहना है कि पूजा का बेटा कुशाग्र भी अपने पिता के निर्देश पर अपनी माँ के साथ बदतमीजी करता था और उसकी पिटाई में शामिल था। यह आरोप पूजा के परिवार ने पुलिस को दी गई शिकायत में दर्ज कराया है।

पुलिस की कार्रवाई

गुजैनी पुलिस स्टेशन के प्रभारी विनय तिवारी ने बताया कि पूजा के पिता की शिकायत पर हरीशचंद्र, बेटे कुशाग्र, भाई करुणाशंकर, प्रेमशंकर, भाभी सवित्री, भतीजे हीरू और अन्य के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने पूजा के भाई को हिरासत में लिया है और उससे पूछताछ शुरू कर दी है। CCTV कैमरों का DVR भी जब्त किया गया है।

शव परीक्षण रिपोर्ट: सिर पर आठ चोटें

पुष्पांजलि के शव का पोस्टमार्टम किया गया, जिसमें उसके सिर पर आठ गंभीर चोटें पाई गईं। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार, उसकी मौत गहरी चोटों और अत्यधिक रक्तस्राव के कारण हुई। पुलिस इस मामले की जांच कर रही है और आरोपियों की तलाश के लिए कई टीमों का गठन किया गया है।

समाज के लिए सवाल

यह दिल दहला देने वाली घटना समाज के सामने कई गंभीर सवाल उठाती है। एक ओर, जब घरेलू हिंसा की घटनाएँ थमने का नाम नहीं ले रही हैं, वहीं दूसरी ओर महिलाएँ अपने ससुराल वालों द्वारा आर्थिक और मानसिक शोषण का शिकार बन रही हैं। पूजा की हत्या ने यह स्पष्ट कर दिया है कि आज भी महिलाओं पर हो रहे अत्याचारों के प्रति पर्याप्त ध्यान नहीं दिया जा रहा है।

घरेलू हिंसा: कानून के बावजूद क्यों नहीं रुक रही?

देश में घरेलू हिंसा को रोकने के लिए कानून बनाए गए हैं, लेकिन यह घटना स्पष्ट करती है कि कानून का पालन सही तरीके से नहीं हो रहा है। पूजा की मौत यह सवाल उठाती है कि अगर पहले सख्त कार्रवाई की गई होती, तो शायद उसकी जान बचाई जा सकती थी।

सामाजिक जागरूकता की कमी

घरेलू हिंसा के मामलों में सबसे बड़ी समस्या सामाजिक जागरूकता की कमी है। समाज में महिलाओं के खिलाफ हो रहे अत्याचारों के बारे में अभी भी पूरी जागरूकता नहीं है। यह घटना एक बार फिर साबित करती है कि महिलाओं की सुरक्षा के लिए समाज को अधिक जागरूक होना पड़ेगा।

महिलाओं के सशक्तिकरण की आवश्यकता

ऐसी घटनाएँ यह स्पष्ट करती हैं कि केवल कानून महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए पर्याप्त नहीं हैं। महिलाओं को आत्मनिर्भर और आत्मविश्वासी बनाना भी जरूरी है, ताकि वे अपने अधिकारों के लिए खड़ी हो सकें। यह हम सभी की जिम्मेदारी है कि हम पूजा जैसी महिलाओं के लिए एक सुरक्षित और सशक्त समाज का निर्माण करें।

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