Uttarakhand: हल्द्वानी में पानी और बिजली संकट से त्रस्त जनता, त्योहारों के बीच पेयजल संकट और बिजली कटौती ने बढ़ाई परेशानी
Uttarakhand: हल्द्वानी शहर में पानी और बिजली की समस्या ने लोगों का जीना मुश्किल कर दिया है। करीब 2.5 लाख की आबादी वाले इस शहर के लोग पेयजल की कमी से जूझ रहे हैं, वहीं बिजली कटौती ने उनकी समस्याओं को और बढ़ा दिया है। मंगलवार को शीतमहल फिल्टर प्लांट को बंद कर दिया गया था, जिससे शहर के कई हिस्सों में पानी की आपूर्ति ठप हो गई। यह समस्या तब पैदा हुई जब गौलावार नहर को सुरक्षित बनाने के लिए सुरक्षा कार्य शुरू किया गया, जिससे नहर से पानी का प्रवाह रुक गया। इस कार्य के चलते पानी की आपूर्ति प्रभावित हुई और लोगों को पानी के टैंकरों के सहारे रहना पड़ा, लेकिन ये टैंकर भी उनकी प्यास बुझाने के लिए पर्याप्त साबित नहीं हुए।
गौलावार नहर का 40 मीटर हिस्सा हुआ क्षतिग्रस्त
लगातार बारिश के कारण गौलावार नहर का लगभग 40 मीटर हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया था। नहर के पास की जमीन का कटाव होने से नहर का जलस्तर काफी कम हो गया, जिससे फिल्टर प्लांट को पानी की आपूर्ति में बाधा आई। इस समस्या से निपटने के लिए सिंचाई विभाग द्वारा नहर की मरम्मत का कार्य शुरू किया गया। यह कार्य मंगलवार सुबह से शुरू हुआ और देर रात तक जारी रहा। मरम्मत के चलते गौला बैराज से पानी रोक दिया गया, जिसका सीधा असर शहर के आधे हिस्से पर पड़ा। नैनिताल रोड, रामपुर रोड, कालाढूंगी रोड और दमुवाढूंगा जैसे इलाकों में पानी की आपूर्ति पूरी तरह से ठप हो गई।
टैंकर भी रहे नाकाफी
पानी की कमी के कारण लोगों के रोजमर्रा के कामकाज प्रभावित हुए, खासकर त्योहारों के इस मौसम में जब पानी की आवश्यकता अधिक होती है। पूरे दिन पानी की आपूर्ति बंद रहने से लोग जल संस्थान के प्रति नाराज दिखे। जल संस्थान ने कुछ क्षेत्रों में पानी के टैंकर भेजे, लेकिन यह टैंकर लोगों की जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त नहीं थे।
जल संस्थान के कार्यकारी अभियंता रवि लोशाली के अनुसार, नहर की मरम्मत के कारण फिल्टर प्लांट को पानी नहीं मिल पा रहा है। उन्होंने बताया कि बुधवार सुबह तक भी पानी की आपूर्ति संभव नहीं है, और नहर का काम पूरा होने के बाद ही बुधवार शाम को पानी की आपूर्ति बहाल हो सकेगी।
एक महीने से पेयजल संकट: सिल्ट की समस्या ने बढ़ाई मुश्किलें
सितंबर में हुई भारी बारिश के कारण गौला नदी से बड़ी मात्रा में सिल्ट नहर में आ गया, जिसके कारण नहर में पानी का प्रवाह कम हो गया। इस वजह से शीतमहल फिल्टर प्लांट की पानी शुद्धिकरण क्षमता प्रभावित हुई। सामान्यत: यह प्लांट 35 एमएलडी पानी की आपूर्ति करता है, लेकिन सिल्ट भरने और नहर कमजोर होने के कारण केवल 20 एमएलडी पानी ही सप्लाई हो पा रहा है। इससे पेयजल योजना के अंतर्गत आने वाले क्षेत्रों में एक महीने से पानी की समस्या बनी हुई है। जगदंबा नगर, कुल्यालपुरा, मुखानी और अन्य क्षेत्रों में यह संकट और अधिक गंभीर है।
बिजली कटौती से ट्यूबवेल भी हुए प्रभावित
शहर में पानी की आपूर्ति सिर्फ गौला नदी से ही नहीं बल्कि ट्यूबवेलों पर भी निर्भर है। लेकिन बिजली के रखरखाव कार्यों के कारण हो रही लगातार बिजली कटौती ने ट्यूबवेलों की भी सप्लाई प्रभावित कर दी। मंगलवार को ललकुआं, ढौलकहेड़ा, फूलचौर, पंचायत घर, धनपुरी और संगम विहार जैसे इलाकों में ट्यूबवेलों का संचालन प्रभावित हुआ, जिससे वहां भी पानी की समस्या उत्पन्न हो गई।
बिजली कटौती ने बढ़ाई लोगों की परेशानी
त्योहारों के इस मौसम में जब लोगों को बिजली और पानी की सबसे ज्यादा जरूरत होती है, बिजली कटौती ने उन्हें और परेशान कर दिया। मंगलवार को गौड़नाला और हल्द्वानी फीडर से सुबह 10 बजे से दोपहर 2 बजे तक चार घंटे तक बिजली कटौती हुई। यह कटौती बिजली सुरक्षा कार्यों के लिए की गई थी। इसके अलावा, लाइन में खराबी से बचने के लिए पेड़ों की छंटाई के चलते धनपुरी, संगम विहार, पंचायतघर और एवीआर फीडरों से भी चार घंटे तक बिजली आपूर्ति बाधित रही। उंचापुल में बिजली लाइन शिफ्टिंग के कार्य के कारण भी लोगों को कई घंटों तक बिजली कटौती का सामना करना पड़ा।
बुधवार को भी बिजली कटौती की आशंका
बिजली विभाग के अनुसार, बुधवार को भी कुछ स्थानों पर चार घंटे की बिजली कटौती हो सकती है। धौलाकहेड़ा सबस्टेशन के सोयाबीन फीडर, फूलचौर सबस्टेशन के धनपुरी, संगम विहार और एवीआर फीडर, और काठघरिया सबस्टेशन के फतेहपुर बसानी में सुबह 10 बजे से दोपहर 2 बजे तक बिजली कटौती होने की संभावना है।
त्योहारों के बीच पानी-बिजली संकट से लोग परेशान
त्योहारों के इस मौसम में जब लोग खरीदारी और अन्य तैयारियों में व्यस्त होते हैं, पानी और बिजली की समस्या ने उनके लिए कठिनाइयाँ खड़ी कर दी हैं। जल संस्थान और बिजली विभाग के अधिकारियों का कहना है कि वे समस्या को जल्द से जल्द सुलझाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन तब तक लोगों को इन समस्याओं से जूझना पड़ सकता है।