Dehradun: डिजिटल लॉग, साक्ष्य संरक्षित करने की प्रणाली एवं वायरस की फाईल को कर लिया गया रिकवर : नीलेश आनंद भरणे
हैकर्स ने ई-मेल कर मांगी फिरौती, एसटीएफ-एनआईए समेत विशेषज्ञों की टीम ने जांच की शुरु
देहरादून। आज नीलेश आनंद भरणे, पुलिस महानिरीक्षक, अपराध एवं कानून व्यवस्था, उत्तराखंड एवं सेंथिल अबूदई कृष्ण राज. एस, पुलिस उप महानिरीक्षक एसटीएफ द्वारा प्रदेश में हुए साइबर अटैक के सम्बन्ध में एक प्रेस वार्ता की गयी।
उन्होंने बताया कि दिनांक 2 अक्टूबर को समय 14.45 से 14.55 बजे लगभग के मध्य सीसीटीएनएस कार्यालय में थाने द्वारा प्रेषित सीसीटीएनएस प्रोजेक्ट से सम्बन्धित शिकायतों का निस्तारण टेक्निकल टीम द्वारा किया जा रहा था उक्त समय पर सीसीटीएनएस प्रोजेक्ट ने काम करना बन्द कर दिया। अन्य सिस्टम पर चैक किया गया तो कोई भी सिस्टम काम नहीं कर रहा था जिस सम्बन्ध में आईटीडीए से जानकारी की गई तो आईटीडीए के सर्वर पर हैकिंग सम्बन्धी मैसेज (नोट पैड) में सर्वर के प्रत्येक फोल्डर में प्रदर्शित हो रहा था, जिसमें उक्त कार्य करने वाले व्यक्ति के द्वारा सम्पर्क करने के लिये मेल आई-डी दी गई व भुगतान के बाद डाटा सुरक्षित उपलब्ध कराये जाने से सम्बन्धित मैसेज अंकित किया है, जिसमें बिना अनुमति के एक्सेस कर कुछ बदलाव किए गए हैं।
इस पर साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में मुकदमा पंजीकृत किया गया। मौके की सूचना मिलते ही पुलिस विभाग के सीआईएसओ पुलिस उप महानिरीक्षक, सेंथिल अबूदई कृष्ण राज. एस के द्वारा मामले की गम्भीरता को देखते हुये वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ को दिशा निर्देश दिये।
इस क्रम में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ उत्तराखण्ड नवनीत सिंह द्वारा एक स्पेशल टीम का गठन किया गया जिसमें पुलिस उपाधीक्षक अंकुश मिश्रा, निरीक्षक विकास भारद्वाज, उप निरीक्षक राजीव सेमवाल, हेड कॉन्स. संदेश यादव एवं कॉन्स. कादर खान द्वारा त्वरित कार्यवाही करते हुये मौके पर जाकर विधिक कार्यवाही अमल में लायी गयी। एसटीएफ की साइबर थाने की टीम द्वारा मौके की गम्भीरता को देखते हुये जहाँ एक तरफ आईटीडीए के कर्मचारियों को अपने कार्य एवं सभी आईटी प्रणाली को पुनः सुचारू रुप से संचालित करने हेतु सहयोग दिया गया वहीं अभियोग में साक्ष्य एकत्रित करने की कार्यवाही को बारिकी से प्रारंभ किया गयाl
पुलिस टीम द्वारा मौके से विभिन्न डिजिटल लॉग, साक्ष्य संरक्षित करने की प्रणाली एवं वायरस की फाईल को सफलता पूर्वक रिकवर कर लिया गया है। साथ ही प्रांरभिक विश्लेषण में वायरस आने का तकनीकी कारण भी विवेचना में सम्मिलित किया जा रहा है। पुलिस टीम द्वारा जो तकनीकी उपकरण की वर्चुअल मशीन है उसकी फॉरेन्सिक विश्लेषण हेतु कॉपी भेजी जायेगी एवं आईटीडीए के साइबर विश्लेषकों के साथ वर्तमान साइबर ढाँचे को सफलता पूर्वक सुदृढ कर लिया गया है। एसटीएफ की विशेष टीम द्वारा आईटीडीए के कर्मियों के साथ निरंतर समन्वय स्थापित कर इस प्रकरण में हो सकने वाली हानि को रोक दिया गया है।
एवं भविष्य के लिये इस प्रकार के वायरस के आने के कारण को ढूँढ कर सूचना प्रौद्यौगिकी प्रणाली को बेहतर करने में सहायता मिलेगी। मामले की जटिलता को देखते हुये भारत की विभिन्न केन्द्रीय एजेंसी आई4 सी गृह मंत्रालय, एनआईए, सीईआरटी-आईएन , एनसीआईआईपीसी आदि से समन्वय स्थापित कर उनकी टीम भी सहयोग हेतु मौके पर पहुँची है।