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Sunaina Kejriwal Died: कला की दुनिया में एक अपूरणीय क्षति, तीन साल से कैंसर से जूझ रही थीं

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Sunaina Kejriwal Died: कमलनयन बजाज हॉल और आर्ट गैलरी की निदेशक सुनैना  केजरीवाल का निधन शनिवार को मुंबई में हुआ। वे पिछले तीन वर्षों से कैंसर से जूझ रही थीं। 53 वर्षीय सुनैना , उद्योगपति राहुल बजाज की पुत्री थीं, और उन्होंने अपने परिवार के लिए एक प्रेरणादायक उदाहरण स्थापित किया। उनके निधन ने कला की दुनिया में एक बड़ा शून्य पैदा कर दिया है।

परिवार और शिक्षा

सुनैना  के दो भाई हैं, राजीव और संजीव बजाज, जो पुणे में निवास करते हैं। उन्होंने अपने पति मनीष केजरीवाल और दो बेटों को पीछे छोड़ा है। मनीष केजरीवाल केदारा कैपिटल के संस्थापक और प्रबंध भागीदार हैं। उनके बड़े बेटे आर्यमान ने कोलंबिया विश्वविद्यालय में कंप्यूटर विज्ञान और अर्थशास्त्र की पढ़ाई की है, जबकि उनका छोटा बेटा निर्वाण बॉम्बे इंटरनेशनल स्कूल में सातवीं कक्षा का छात्र है।

Sunaina Kejriwal Died: कला की दुनिया में एक अपूरणीय क्षति, तीन साल से कैंसर से जूझ रही थीं

सुनैना  की शिक्षा की बात करें तो उन्होंने पुणे के SNDT कॉलेज से स्नातक की डिग्री प्राप्त की। इसके बाद, उन्होंने मुंबई के सोफिया कॉलेज से एक वर्ष का सिल्क स्क्रीन प्रिंटिंग कोर्स किया। इसके अलावा, सुनैना  ने भारतीय कला के इतिहास में आधुनिक और समकालीन एवं क्यूरेटोरियल स्टडीज में पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा भी प्राप्त किया।

कला के प्रति गहरा लगाव

सुनैना  केजरीवाल को कला के प्रति गहरा लगाव था। उनका शौक केवल देखने तक सीमित नहीं था; वे स्वयं पॉटरी, यात्रा और रंगमंच में भी रुचि रखती थीं। उनका मानना था कि कला केवल मनोरंजन का साधन नहीं है, बल्कि यह समाज के प्रति जागरूकता और संवेदनशीलता का प्रतीक है।

कमलनयन बजाज हॉल की निदेशक के रूप में, सुनैना  ने कई महत्वपूर्ण कला परियोजनाओं में भाग लिया। उनकी दृष्टि और लगन ने इस हॉल को एक प्रमुख सांस्कृतिक केंद्र बना दिया। सुनैना  ने अपने कार्यकाल के दौरान न केवल स्थानीय कलाकारों को प्रोत्साहित किया, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी कला की सराहना की। उनकी नेतृत्व क्षमता ने कई उभरते कलाकारों को अपनी कला प्रदर्शित करने का अवसर प्रदान किया।

सुनैना  की कला के प्रति प्रतिबद्धता और उनके द्वारा संचालित कार्यक्रमों ने कई लोगों को प्रेरित किया। उन्होंने कई कार्यशालाएं आयोजित कीं, जहां उन्होंने कला के विभिन्न पहलुओं के बारे में जानकारी दी। उनकी प्रेरणादायक उपस्थिति ने न केवल कलाकारों को, बल्कि कला प्रेमियों को भी अपनी कला के प्रति और अधिक गंभीरता से सोचने पर मजबूर किया।

बजाज परिवार का योगदान

बजाज परिवार का स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण स्थान रहा है। महात्मा गांधी के करीबी सहयोगी के रूप में, इस परिवार ने समाज में मानवता के प्रति प्रेम का संदेश फैलाया। जमनालाल बजाज फाउंडेशन के माध्यम से, परिवार ने कई विरासत स्थलों के पुनर्निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जिसमें भाऊ दाजी लाड म्यूजियम जैसे प्रोजेक्ट शामिल हैं।

बजाज परिवार ने हमेशा सामाजिक कार्यों में सक्रिय भागीदारी निभाई है। सुनैना  केजरीवाल ने भी इस परंपरा को आगे बढ़ाया और कला के माध्यम से समाज को जोड़ने का प्रयास किया। उनके प्रयासों ने सामाजिक समर्पण और सहयोग की भावना को बढ़ावा दिया, जिससे लोगों में एकजुटता और सहिष्णुता की भावना पैदा हुई।

कैंसर के खिलाफ संघर्ष

कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से लड़ाई एक कठिन यात्रा होती है। सुनैना  केजरीवाल ने इस यात्रा में साहस और सकारात्मकता का परिचय दिया। उन्होंने न केवल अपने स्वास्थ्य के लिए संघर्ष किया, बल्कि अपने आसपास के लोगों को भी प्रेरित किया।

कैंसर के इलाज के दौरान, सुनैना  ने हमेशा एक सकारात्मक दृष्टिकोण बनाए रखा। उन्होंने अपने अनुभवों को साझा किया और दूसरों को उनकी स्थिति से लड़ने के लिए प्रेरित किया। उनकी कहानी यह दर्शाती है कि कैसे एक व्यक्ति अपनी रुचियों और साहस से न केवल अपने लिए बल्कि दूसरों के लिए भी प्रेरणा बन सकता है।

उनकी दृढ़ता ने कई लोगों को यह महसूस कराया कि कठिनाइयों का सामना करना संभव है, बशर्ते व्यक्ति के पास सकारात्मकता और दृढ़ संकल्प हो। सुनैना  की कहानी एक ऐसी मिसाल है, जिसने न केवल उनके परिवार को बल्कि समाज को भी प्रेरित किया।

सुनैना  का विरासत

सुनैना  केजरीवाल का निधन एक बड़ी क्षति है। उनकी विरासत उनके परिवार के साथ-साथ कला जगत में भी जिंदा रहेगी। उन्होंने जो सपने देखे और जो प्रयास किए, वे आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा स्रोत बने रहेंगे।

उनकी कला के प्रति प्रेम, समाज के प्रति समर्पण और उनके द्वारा किए गए कार्य हमें यह सिखाते हैं कि हमें अपने आस-पास के लोगों के लिए कैसे प्रेरणादायक बनना है। सुनैना  ने जो कार्य किए, वे न केवल उनकी पहचान थे, बल्कि समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने का एक माध्यम भी थे।

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