Delhi News: ससुराल में निसंतान होने का ताना सुनने से बचने के लिए महिला ने उठाया यह खौफनाक कदम

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Delhi News: दिल्ली के रोहिणी जिले के विजय विहार पुलिस थाने की पुलिस टीम ने एक महिला को एक निर्दोष दो साल की बच्ची के अपहरण के आरोप में गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार महिला का नाम निरजला देवी उर्फ प्रीति (37) है। पुलिस ने इस मामले में 24 घंटे के भीतर बच्ची को सुरक्षित रूप से बचा लिया और उसे उसके परिवार के हवाले कर दिया।

घटना का विवरण

पुलिस ने बताया कि 5 सितंबर को कमरुल हक, जो उसी क्षेत्र के निवासी हैं, ने विजय विहार पुलिस थाने में अपनी दो साल की बेटी के अपहरण की सूचना दी। उन्होंने बताया कि उनकी बेटी घर के बाहर सड़क पर खेल रही थी, तभी एक अज्ञात महिला ने उसे अपहरण कर लिया। उनके बयान के आधार पर, संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया और जांच शुरू की गई।

पुलिस की जांच और गिरफ्तारी

घटना की गंभीरता को देखते हुए, एसीपी रोहिणी और SHO विजय विहार के नेतृत्व में इंस्पेक्टर सुषील शर्मा, SI देव कुमार, ASI कैलाश, ASI अनुराग, हेड कांस्टेबल विपिन त्यागी, अमित, हावा सिंह, सुनील, कांस्टेबल आशीष, रविकांत और विनीत की दो विशेष टीमों का गठन किया गया।

टीम ने तुरंत आसपास की घटनास्थल पर लगे सीसीटीवी कैमरों के फुटेज का विश्लेषण किया। फुटेज में एक महिला को बच्ची को अपने साथ ले जाते हुए देखा गया। इस पर टीम ने गंभीर प्रयास किए और संभावित रास्तों के 200-300 सीसीटीवी फुटेज का विश्लेषण किया।

आखिरकार, टीम की मेहनत रंग लाई और सीसीटीवी फुटेज, मानव सूचना और तकनीकी निगरानी के आधार पर, पुलिस ने आरोपी महिला को रोहिणी सेक्टर-5 से गिरफ्तार किया और अपहृत बच्ची को उसकी गिरफ्त से सुरक्षित रूप से बरामद किया।

महिला का रहस्योद्घाटन

पूछताछ के दौरान, आरोपी महिला ने खुलासा किया कि उसकी शादी 2017 में बुलंदशहर, उत्तर प्रदेश में हुई थी। लेकिन शादी के सात साल बाद भी उसका कोई बच्चा नहीं था। इसलिए, मातृत्व की इच्छा को पूरा करने और ससुराल में निसंतान होने के ताने से छुटकारा पाने के लिए उसने बच्ची के अपहरण का निर्णय लिया।

अपनी योजना को अंजाम देने के लिए, वह ससुराल वालों से दूर दिल्ली में रह रही थी, जबकि उसने पटना में रहने का दिखावा किया। उसने बताया कि 5 सितंबर को उसकी नजर सड़क पर खेल रही बच्ची पर पड़ी, जिसे उसने कुरकुरे के लालच देकर उठाया।

अपहरण की योजना और परिणाम

इसके बाद, वह पीड़ित बच्ची को रोहिणी सेक्टर-5 में अपने एक जानने वाले के घर ले गई और अपने ससुराल वालों को बताया कि उसने एक बेटी को जन्म दिया है और वह जल्द ही बुलंदशहर आएगी। उसने आगे बताया कि 6 सितंबर की दोपहर को वह पीड़ित बच्ची के साथ बुलंदशहर जाने वाली थी, लेकिन उससे पहले पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया।

समाज में बढ़ती हुई समस्याएं

यह घटना हमें यह सोचने पर मजबूर करती है कि समाज में मातृत्व की कितनी प्रगाढ़ इच्छाएं और दबाव हैं। कुछ महिलाएं इस दबाव के चलते इतना गंभीर कदम उठाने के लिए मजबूर हो जाती हैं। यह घटना उन परिवारों के लिए भी एक चेतावनी है, जो निसंतान होने के कारण समाज में ताने सुनते हैं।

क्या हमें और सख्त उपाय करने की आवश्यकता है?

यह घटना समाज में बच्चों के अपहरण के मामलों की बढ़ती हुई समस्या की ओर इशारा करती है। इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए केवल पुलिस कार्रवाई ही नहीं, बल्कि समाज के सभी वर्गों को भी एक साथ आकर काम करने की आवश्यकता है।

हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि न केवल बच्चों की सुरक्षा हो, बल्कि समाज में निसंतानता जैसे मुद्दों पर खुलकर चर्चा हो सके। इससे महिलाओं को मजबूरी में गलत निर्णय लेने से रोका जा सकेगा।

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