कुत्ते के साथ युक्रेन से लौटा दून का लाल

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रुड़की ।रूस और यूक्रेन युद्ध के बीच अपने पालतू कुत्ते के बिना वापस ना लौटने को लेकर चर्चा में आए दून के छात्र ऋषभ कौशिक का बुधवार को देवभूमि उत्तराखंड यूनिवर्सिटी में सम्मान किया गया।यूक्रेन के खार्कीव में इंजीनियरिंग की पढाई कर रहे ऋषभ कौशिक देहरादून लौट आये हैं और इन्हीं मुश्किल पलों को उन्होंने यहां छात्रों से साझा किया। देवभूमि उत्तराखंड यूनिवर्सिटी के छात्रों के साथ सम्मान ग्रहण करने के दौरान उन्होंने कहा कि यूक्रेन से निकलना आसान नहीं था| जैसे ही पता चला कि युद्ध शुरू हो चुका है तो सबसे पहले उन्हें अपने ‘मालिबू का ख्याल आया, जो उनका पालतू कुत्ता है। ऋषभ के अनुसार उन पर घर वालों का दबाव था कि मालिबू के बिना ही वापस आ जाएं। लेकिन जिसकी ज़िम्मेदारी उठायी थी, उसे युद्ध ग्रसित यूक्रेन में अकेला छोड़कर वापस नहीं आ सकता था।
बताया कि उन्होनें लगातार प्रयास किया कि मालिबू को अपने साथ भारत लाने की अनुमति मिल जाए और आखिरकार कोशिश रंग लायी। आज मालिबू उनके साथ सुरक्षित है। छात्रों के सवालों का जवाब देते हुए ऋषभ ने कहा कि हम मानवता को जिंदा रखने की बात तो करते हैं, लेकिन प्रयास नहीं करते और यही मौके होते हैं मानवता को बचाने के। जिसकी शुरुआत हमें खुद से करनी चाहिए| सम्मान समारोह का आयोजन देवभूमि उत्तराखंड यूनिवर्सिटी के कुलाधिपति संजय बंसल, उपकुलाधिपति अमन बंसल,कुलपति प्रोफ़ेसर प्रीति कोठियाल, उपकुलपति डॉ. आरके त्रिपाठी और अनमोल बंसल आदि उपस्थित रहे।

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