Uttar Pradesh: उत्तर प्रदेश के अमेठी जिले में एक दर्दनाक घटना सामने आई है, जिसमें एक ही परिवार के चार सदस्यों को बेरहमी से हत्या कर दी गई। यह घटना उस समय हुई जब कुछ अज्ञात अपराधियों ने एक परिवार के सदस्यों पर गोलीबारी की। मृतकों में सरकारी शिक्षक सुनील कुमार भारती, उनकी पत्नी पूनम भारती, और उनकी दो बेटियाँ, जिनकी उम्र 5 वर्ष और 1.5 वर्ष है, शामिल हैं। इस हृदयविदारक घटना ने न केवल अमेठी बल्कि पूरे राज्य को झकझोर कर रख दिया है।
हत्या का घटनाक्रम
यह भयावह घटना अमेठी के शिवरतंगंज थाना क्षेत्र के अहोरवा भवानी चौराहे पर हुई, जहां सुनील कुमार भारती अपने परिवार के साथ एक किराए के कमरे में रहते थे। घटना के समय सुनील अपने काम से घर लौटे थे, तभी अचानक अज्ञात अपराधियों ने उन पर हमला कर दिया। जब पुलिस मौके पर पहुंची, तो सुनील और उनकी पत्नी की लाशें घर के आंगन में पाई गईं, जबकि उनकी बेटियों की लाशें थोड़ी दूर पड़ी थीं। इस घटना ने गांव के लोगों को दहशत में डाल दिया है और पूरे समुदाय में भय का माहौल बना हुआ है।
हत्या का कारण
प्रारंभिक जांच के अनुसार, पुलिस ने हत्या के पीछे पुरानी दुश्मनी का संदेह जताया है। लेकिन एक अन्य थ्योरी भी सामने आई है, जिसके अनुसार सुनील की पत्नी पूनम ने 18 अगस्त को एक व्यक्ति चंदन वर्मा के खिलाफ छेड़खानी का मामला दर्ज कराया था। यह प्रश्न उठता है कि क्या इस FIR का हत्या से कोई संबंध है या नहीं। पुलिस इस दिशा में भी जांच कर रही है और इसे एक महत्वपूर्ण एंगल माना जा रहा है।
पुलिस की कार्रवाई
पुलिस ने इस मामले की जांच के लिए चार टीमों का गठन किया है ताकि आरोपियों की पहचान की जा सके। इस मामले की जिम्मेदारी डीएसपी डीके शाही को सौंपी गई है, जिन्होंने पहले भी कई महत्वपूर्ण मामलों को सुलझाया है। इसके अलावा, फॉरेंसिक टीम ने भी मौके से महत्वपूर्ण सबूत इकट्ठा किए हैं। प्रारंभिक जांच से यह स्पष्ट हो गया है कि हत्या के बाद अपराधियों ने घर में किसी भी चीज़ को नहीं छुआ, जिससे यह सिद्ध होता है कि उनका मकसद लूटपाट नहीं, बल्कि हत्या करना था। यह एक चिंताजनक स्थिति है, क्योंकि ऐसे मामलों में अक्सर पुलिस को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।
परिवार की पृष्ठभूमि
मृतक सुनील भारती मूल रूप से रायबरेली के सुदामापुर गांव के निवासी थे। उन्होंने एक साल तक पुलिस में काम किया, लेकिन बाद में शिक्षक बनने का निर्णय लिया। सुनील एक मेहनती व्यक्ति थे और अपने परिवार का भरण-पोषण करने में पूरी मेहनत करते थे। उनके पिता राम गोपाल ने बताया कि सुनील एक ईंट भट्ठा में श्रमिक के तौर पर भी काम करते थे और उन्होंने अपने परिवार के लिए एक बेहतर भविष्य बनाने के लिए कई बार संघर्ष किया।
मुख्यमंत्री का आदेश
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस हत्या की घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया है और अपराधियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई का आदेश दिया है। इस मामले में राजनीति भी शुरू हो गई है। समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने इस घटना को लेकर योगी सरकार पर सवाल उठाए हैं। वहीं, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी कहा है कि यदि न्याय नहीं मिला, तो वह स्वयं अमेठी जाएंगे।
पुलिस की चुनौती
इस घटना के बाद पुलिस की सबसे बड़ी चुनौती यह होगी कि वे हत्यारों की पहचान करें, क्योंकि इस हत्या को इस तरह अंजाम दिया गया कि किसी ने भी हत्यारों को नहीं देखा। यह स्थिति समाज के लिए बेहद चिंताजनक है और इससे सुरक्षा व्यवस्था पर प्रश्न उठता है। पुलिस सभी संभावित एंगल से मामले की जांच कर रही है और जल्द से जल्द आरोपियों को पकड़ने का प्रयास कर रही है।