Hassan Nasrallah: हिज़बुल्लाह प्रमुख की मौत के बाद इराक में 7 दिनों के भीतर जन्मे 100 ‘नसरल्लाह’, जानिए पूरा मामला
Hassan Nasrallah: इजराइल और हिज़बुल्लाह के बीच जारी संघर्ष ने मध्य पूर्व में एक नई उथल-पुथल को जन्म दिया है। हिज़बुल्लाह प्रमुख हसन नसरल्लाह की मौत ने कई मुस्लिम देशों को झकझोर कर रख दिया। इस घटना के बाद कई जगहों पर नाराजगी जाहिर की जा रही है। खासकर इराक में, जहां हिज़बुल्लाह प्रमुख हसन नसरल्लाह की मौत के बाद लोगों ने अनोखा कदम उठाया है। इराक की स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, हिज़बुल्लाह प्रमुख की मौत के बाद देश में 7 दिनों के भीतर लगभग 100 नवजात शिशुओं का नाम ‘नसरल्लाह’ रखा गया है। यह कदम नसरल्लाह के प्रति सम्मान और श्रद्धांजलि के रूप में उठाया गया है।
हिज़बुल्लाह प्रमुख हसन नसरल्लाह की मौत
27 सितंबर को इजराइली सेना द्वारा किए गए हवाई हमलों में हिज़बुल्लाह के प्रमुख हसन नसरल्लाह की मौत हो गई। ये हमले लेबनान की राजधानी बेरूत के दाहिये इलाके में हुए, जहां नसरल्लाह और उनके संगठन के अन्य प्रमुख सदस्य मौजूद थे। इजराइल ने दावा किया कि इस हमले में नसरल्लाह के साथ हिज़बुल्लाह के 20 से अधिक प्रमुख आतंकियों को भी मार गिराया गया।
‘नसरल्लाह की मौत का कारण दम घुटना’
इजराइल के चैनल 12 ने नसरल्लाह की मौत को लेकर बड़ा दावा किया है। चैनल के अनुसार, नसरल्लाह की मौत दम घुटने से हुई। बताया जा रहा है कि इजराइल ने जिस बंकर पर हमला किया, उसमें जहरीली गैस प्रवेश कर गई, जिससे नसरल्लाह की धीरे-धीरे मृत्यु हो गई। इस हमले के बाद पूरे क्षेत्र में हलचल मच गई और कई मुस्लिम देशों में इसके खिलाफ विरोध के स्वर उठने लगे।
इराक में ‘नसरल्लाह’ नाम का सम्मान
नसरल्लाह की मौत के बाद, इराक के लोगों ने एक अनोखे तरीके से अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की। इराकी स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, पिछले 7 दिनों में लगभग 100 नवजात शिशुओं का नाम ‘नसरल्लाह’ रखा गया है। यह कदम उन लोगों की भावनाओं का प्रतीक है, जो हिज़बुल्लाह प्रमुख के प्रति सम्मान प्रकट करना चाहते हैं। नसरल्लाह का नाम उन लोगों के लिए संघर्ष और प्रतिरोध का प्रतीक है, जो इजराइल के खिलाफ लड़ाई में शामिल हैं।
इराक में लोग यह मानते हैं कि यदि इजराइल ने एक हसन नसरल्लाह को मार दिया, तो हजारों नसरल्लाह उनके स्थान पर खड़े होने के लिए तैयार होंगे। इस विचारधारा का समर्थन करते हुए, इराकी लोगों ने अपने नवजात बच्चों का नाम ‘नसरल्लाह’ रखा है, ताकि वे भविष्य में भी हिज़बुल्लाह और उसके विचारों का समर्थन करते रहें।
ईरान और अन्य मुस्लिम देशों का गुस्सा
हिज़बुल्लाह प्रमुख की मौत के बाद, ईरान ने इजराइल के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। ईरान ने इस हमले की कड़ी निंदा की और इसे इजराइल की ‘अत्याचार और अन्याय’ की नीति का हिस्सा बताया। ईरान का कहना है कि नसरल्लाह की मौत का बदला लिया जाएगा और हिज़बुल्लाह के साथ मिलकर इजराइल को सबक सिखाया जाएगा। ईरान ने यह भी कहा कि हिज़बुल्लाह के नेतृत्व में कोई कमी नहीं आएगी और नसरल्लाह की विचारधारा को आगे बढ़ाने के लिए नए नेता तैयार हैं।
हिज़बुल्लाह और इजराइल के बीच लंबे समय से संघर्ष
हिज़बुल्लाह और इजराइल के बीच संघर्ष कोई नई बात नहीं है। पिछले कई दशकों से, दोनों पक्षों के बीच कई बार युद्ध और संघर्ष हो चुके हैं। हिज़बुल्लाह, जिसे ईरान का समर्थन प्राप्त है, इजराइल के खिलाफ अपने कड़े रुख और हमलों के लिए जाना जाता है। हिज़बुल्लाह प्रमुख हसन नसरल्लाह ने इजराइल के खिलाफ लड़ाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और उन्हें अरब जगत में एक बड़े नेता के रूप में देखा जाता है।
नसरल्लाह की मौत के बाद हिज़बुल्लाह की भविष्य की रणनीति
हिज़बुल्लाह प्रमुख की मौत के बाद संगठन के भविष्य को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं। हालांकि, हिज़बुल्लाह ने यह स्पष्ट कर दिया है कि नसरल्लाह की मौत से संगठन की ताकत कम नहीं होगी। संगठन के अन्य नेता इस विचारधारा को आगे बढ़ाने के लिए तैयार हैं और इजराइल के खिलाफ लड़ाई जारी रहेगी। हिज़बुल्लाह का दावा है कि नसरल्लाह की मौत से उनके समर्थकों का जोश और बढ़ेगा और संगठन को और मजबूती मिलेगी।