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Rudraprayag: कांडा भरदार गांव में बाहरी लोगों और फेरीवालों के प्रवेश पर प्रतिबंध, सीमा पर लगे सूचना बोर्ड

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Rudraprayag: उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले के जखोली ब्लॉक के ग्राम पंचायत कांडा भरदार के निवासियों ने बाहरी लोगों और फेरीवालों के प्रवेश पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है। इस निर्णय के तहत, गांव की सीमा पर तीन अलग-अलग स्थानों पर सूचना बोर्ड लगाए गए हैं, जिसमें बाहरी लोगों के गांव में प्रवेश करने पर रोक की जानकारी दी गई है। इसी प्रकार ग्राम पंचायत मैदानपुर ने भी बाहरी लोगों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया है।

केदार घाटी के गांवों में पहले भी लगे थे प्रतिबंध

सितंबर 2023 में केदार घाटी के कई गांवों में फेरीवालों, गैर-हिंदुओं और रोहिंग्याओं के प्रवेश और व्यापार पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाया गया था। उन गांवों की सीमाओं पर भी इसी प्रकार के सूचना बोर्ड लगाए गए थे। जब इस मामले की जानकारी पुलिस को मिली, तो पुलिस ने आपत्तिजनक बोर्डों को हटा दिया था। इसके बाद भी गांवों में बाहरी लोगों के प्रवेश पर पाबंदी बरकरार रखी गई थी।

Rudraprayag: कांडा भरदार गांव में बाहरी लोगों और फेरीवालों के प्रवेश पर प्रतिबंध, सीमा पर लगे सूचना बोर्ड

तब ग्रामीणों का कहना था कि फेरीवाले, मोबाइल और अन्य इलेक्ट्रॉनिक सामानों की मरम्मत करने वाले लोग गांव में पहुंच रहे थे, जो कई बार संदिग्ध दिखाई देते थे। इसे ध्यान में रखते हुए ग्राम पंचायत स्तर पर यह कदम उठाया गया। पुलिस के हस्तक्षेप के बाद सूचना बोर्डों में संशोधन किया गया और कहा गया कि बाहरी लोगों और फेरीवालों के गांव में प्रवेश और व्यापार पर प्रतिबंध रहेगा।

5,000 रुपये का जुर्माना लगेगा

अब जखोली विकासखंड के कांडाभरदार गांव में बाहरी लोगों और फेरीवालों के प्रवेश पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है। इस फैसले की जानकारी देने के लिए गांव की सीमा पर तीन अलग-अलग जगहों पर सूचना बोर्ड लगाए गए हैं। ग्राम पंचायत कांडाभरदार के प्रधान अमित रावत ने बताया कि इस निर्णय को ग्रामीणों की सहमति से लिया गया है। हाल के दिनों में पहाड़ी क्षेत्रों के अलग-अलग कस्बों में हुई घटनाओं को ध्यान में रखते हुए यह कदम उठाया गया है।

ग्राम प्रधान ने स्पष्ट किया कि अगर किसी बाहरी व्यक्ति या फेरीवाले को गांव में घूमते हुए पाया गया, तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। साथ ही उस पर 5,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया जाएगा।

सूचना बोर्ड लगाने के लिए पंचायत स्वतंत्र

इस विषय पर उप पुलिस अधीक्षक प्रभोध घिल्डियाल ने कहा कि ग्राम पंचायत अपनी सीमाओं में बाहरी लोगों के प्रवेश को रोकने के लिए सूचना बोर्ड लगाने के लिए स्वतंत्र है। हालांकि, किसी भी बोर्ड या सूचना पर किसी विशेष धर्म, जाति या समुदाय का नाम नहीं लिखा जा सकता है। अगर ऐसा कोई मामला सामने आता है, तो उस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

प्रतिबंध के पीछे ग्रामीणों की चिंताएं

गांव के लोगों ने बाहरी लोगों और फेरीवालों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने के पीछे कई कारण बताए हैं। ग्रामीणों का मानना है कि पिछले कुछ समय में पहाड़ी क्षेत्रों में बाहरी लोगों के आगमन से चोरी, संदिग्ध गतिविधियों और अन्य अवांछित घटनाओं की संख्या में वृद्धि हुई है। इसके अलावा, फेरीवालों के नाम पर कई संदिग्ध लोग गांवों में घुसते हैं, जिनका कोई स्थायी पहचान पत्र या सत्यापन नहीं होता है। ऐसी स्थिति में गांव के लोगों की सुरक्षा के लिए यह कदम उठाना आवश्यक था।

गांव के कई बुजुर्ग लोगों ने बताया कि पहले गांव में हर किसी का आना-जाना स्वतंत्र था, लेकिन हाल के समय में बाहरी लोगों की बढ़ती आवाजाही ने गांव की सुरक्षा को खतरे में डाल दिया है। ग्रामीणों का यह भी कहना है कि पहाड़ी क्षेत्रों में बाहरी लोगों के साथ बढ़ते अपराध और असामाजिक तत्वों के गतिविधियों को रोकने के लिए यह एक आवश्यक कदम है।

पहाड़ी क्षेत्रों में सुरक्षा की नई चुनौती

उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों में बाहरी लोगों का प्रवेश अब सुरक्षा का एक प्रमुख मुद्दा बन चुका है। छोटे और शांत गांवों में बाहरी लोगों की अचानक उपस्थिति ने स्थानीय निवासियों में असुरक्षा की भावना को बढ़ा दिया है। विशेष रूप से फेरीवालों और बाहरी व्यापारियों के संदिग्ध गतिविधियों की खबरें मिलने के बाद ग्राम पंचायतों ने सुरक्षा के इस कदम को अपनाया है।

ग्राम पंचायत कांडाभरदार का यह निर्णय अन्य गांवों के लिए भी एक उदाहरण बन सकता है, जहां बाहरी लोगों की आवाजाही और उनकी गतिविधियों पर संदेह व्यक्त किया जाता रहा है। इस कदम से गांव के लोग खुद को अधिक सुरक्षित महसूस कर रहे हैं, और उनका मानना है कि इस तरह के प्रतिबंधों से गांवों में होने वाली अवांछित घटनाओं पर अंकुश लगेगा।

पुलिस और प्रशासन की भूमिका

ग्राम पंचायतों द्वारा बाहरी लोगों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने के निर्णय के बाद पुलिस और प्रशासन की भूमिका भी महत्वपूर्ण हो जाती है। पुलिस ने स्पष्ट किया है कि ग्राम पंचायतें अपने क्षेत्र में बाहरी लोगों के प्रवेश पर नियंत्रण के लिए स्वतंत्र हैं, लेकिन किसी भी धर्म, जाति या समुदाय को लक्षित करने वाले बोर्डों की अनुमति नहीं होगी। यदि किसी ग्राम पंचायत द्वारा इस तरह के बोर्ड लगाए जाते हैं, तो पुलिस सख्त कार्रवाई करेगी।

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