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Dehradun: मंगलौर से साइबर धोखाधड़ी के लिए SIM कार्ड विदेश भेजने वाला आरोपी गिरफ्तार, जानिए कैसे फैलाया जा रहा था जाल

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Dehradun की पुलिस ने हाल ही में साइबर धोखाधड़ी के लिए सिम कार्ड विदेश भेजने वाले एक आरोपी को गिरफ्तार किया है। इस गिरफ्तारी के साथ, पुलिस ने 1816 सिम कार्ड बरामद किए हैं, जो मंगलौर, हरिद्वार से जब्त किए गए हैं। यह गिरोह भारतीय सिम कार्ड्स को बायोमेट्रिक मशीनों के जरिए सक्रिय कर, उन्हें धोखाधड़ी के लिए दक्षिण एशियाई देशों जैसे कंबोडिया, थाईलैंड और अन्य देशों में भेजता था।

सिम कार्ड कैसे भेजे जाते थे विदेश?

आरोपी ने साइबर अपराधियों के लिए एक जटिल जाल बुन रखा था। वे बायोमेट्रिक मशीनों के माध्यम से सिम कार्ड्स को सक्रिय करते थे। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि ये सिम कार्ड्स विदेशी साइबर अपराधियों द्वारा सोशल मीडिया और अन्य संचार ऐप्स, जैसे कि व्हाट्सएप और टेलीग्राम को सक्रिय करने के लिए उपयोग किए जाते थे। इस नेटवर्क का उपयोग साइबर अपराध के बढ़ते मामलों में हो रहा था, जिसमें कई निर्दोष नागरिकों को ठगी का शिकार बनाया जा रहा था।

सिम कार्ड्स की एक्टिवेशन की प्रक्रिया

आरोपी सिम कार्ड्स को सक्रिय करने के लिए महिलाओं का इस्तेमाल करता था। उन्हें कप सेट और अन्य उपहारों का लालच देकर उनकी बायोमेट्रिक जानकारी ली जाती थी। इसके बाद सिम कार्ड्स को एक्टिवेट कर, उन्हें धोखाधड़ी के लिए उपयोग किया जाता था।

इस पूरी प्रक्रिया में सिम कार्ड्स को बाहर के देशों में भेजने का मुख्य उद्देश्य उन देशों में साइबर अपराध को बढ़ावा देना था। खासतौर पर दक्षिण-पूर्वी एशियाई देशों में साइबर क्राइम के जरिए आम जनता को धोखा दिया जा रहा था।

साइबर धोखाधड़ी के 35 मामले दर्ज

इस आरोपी और उसकी गैंग द्वारा भेजे गए सिम कार्ड्स से देशभर में करीब 35 साइबर धोखाधड़ी के मामले सामने आए हैं। साइबर अपराधियों ने इन सिम कार्ड्स के जरिए लोगों के बैंक खातों की जानकारी प्राप्त कर, उनसे पैसे निकालने, फर्जी सोशल मीडिया अकाउंट्स बनाने और अन्य तरह के ऑनलाइन अपराध किए।

पुलिस की कार्यवाही और बरामदगी

पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर मंगलौर से आरोपी को गिरफ्तार किया। आरोपी के पास से 1816 सिम कार्ड बरामद हुए हैं, जोकि अपराध के उद्देश्य से भेजे जाने थे। इसके साथ ही पुलिस ने सिम कार्ड्स को एक्टिवेट करने में उपयोग होने वाली बायोमेट्रिक मशीनें भी जब्त की हैं।

Dehradun: मंगलौर से साइबर धोखाधड़ी के लिए SIM कार्ड विदेश भेजने वाला आरोपी गिरफ्तार, जानिए कैसे फैलाया जा रहा था जाल

यह गिरोह कितने बड़े पैमाने पर काम कर रहा था, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि देशभर में हो रही साइबर धोखाधड़ी की घटनाओं का एक महत्वपूर्ण हिस्सा इन्हीं सिम कार्ड्स के जरिए अंजाम दिया जा रहा था।

साइबर अपराध में सिम कार्ड्स की भूमिका

साइबर अपराध में सिम कार्ड्स की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। फर्जी सिम कार्ड्स के जरिए धोखाधड़ी करने वाले अपराधी अपने वास्तविक नाम और पहचान को छिपाकर अपराध को अंजाम देते हैं। ये सिम कार्ड्स विभिन्न ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर फर्जी अकाउंट्स बनाने, पैसे ठगने, ब्लैकमेल करने और अन्य कई आपराधिक गतिविधियों में उपयोग होते हैं।

पुलिस की अपील

इस घटना के बाद पुलिस ने जनता से अपील की है कि वे अपनी बायोमेट्रिक जानकारी किसी अजनबी या अपरिचित व्यक्ति के साथ साझा न करें। साथ ही, पुलिस ने यह भी चेतावनी दी है कि सस्ते या फ्री उपहारों के झांसे में न आएं, क्योंकि यह साइबर अपराधियों का मुख्य हथकंडा हो सकता है।

भविष्य में कार्रवाई

पुलिस अब इस गिरोह से जुड़े अन्य लोगों की तलाश कर रही है और उन्हें जल्द ही गिरफ्तार करने की तैयारी कर रही है। इसके साथ ही पुलिस उन देशों की एजेंसियों से भी संपर्क कर रही है, जहां इन सिम कार्ड्स का उपयोग किया जा रहा था, ताकि साइबर अपराधियों के इस जाल को पूरी तरह खत्म किया जा सके।

साइबर धोखाधड़ी से बचने के उपाय

आज के डिजिटल युग में साइबर धोखाधड़ी से बचना बहुत जरूरी हो गया है। कुछ सावधानियां जो आप ले सकते हैं:

  1. व्यक्तिगत जानकारी साझा न करें – अपनी निजी जानकारी को सुरक्षित रखें और किसी भी अजनबी या संदिग्ध व्यक्ति के साथ उसे साझा न करें।
  2. अनवेरिफाइड कॉल्स और मैसेजेस से सावधान रहें – अगर आपको किसी अज्ञात नंबर से कॉल या मैसेज आता है, जिसमें पैसे या उपहारों का लालच दिया जाता है, तो तुरंत सतर्क हो जाएं।
  3. ऑनलाइन ट्रांजैक्शन सुरक्षित करें – ऑनलाइन बैंकिंग करते समय हमेशा सुनिश्चित करें कि आप सुरक्षित नेटवर्क का उपयोग कर रहे हैं।
  4. दो-फैक्टर ऑथेंटिकेशन का उपयोग करें – यह एक अतिरिक्त सुरक्षा उपाय है, जिससे आपकी व्यक्तिगत जानकारी और खातों को सुरक्षित रखा जा सकता है।

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