Uttarakhand: टिहरी में गुब्बारे के साथ आसमान से गिरा डिवाइस, खेतों में गिरते ही मच गई अफरातफरी
Uttarakhand के भिलंगना ब्लॉक के बहाड़ी नगर गांव में उस समय अफरातफरी मच गई जब आसमान से एक गुब्बारे के साथ एक उपकरण गिरकर किसानों के खेतों में आ गया। इसे देखकर ग्रामीणों में घबराहट फैल गई और यह उपकरण स्थानीय लोगों के बीच उत्सुकता का विषय बन गया। ग्रामीणों ने तुरंत इस घटना की जानकारी पुलिस को दी।
पुलिस की त्वरित कार्रवाई
घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और उस उपकरण को अपनी हिरासत में लेकर जांच शुरू की। जांच के दौरान पता चला कि यह उपकरण देहरादून मौसम केंद्र द्वारा मौसम की सटीक जानकारी प्राप्त करने के लिए आसमान में छोड़ा गया था। किसी तकनीकी कारणवश गुब्बारा फट गया और उपकरण खेतों में गिर गया।
कैसे हुआ घटना का खुलासा?
ग्रामीण प्रशांत जोशी ने बताया कि वह सुबह करीब 11 बजे अपने घर पर काम कर रहे थे। अचानक उन्होंने देखा कि आसमान से एक गुब्बारा खेतों की तरफ गिर रहा है। जब वह नजदीक गए तो देखा कि उस गुब्बारे से एक उपकरण जुड़ा हुआ था। इस उपकरण को देखकर वह हैरान रह गए और तुरंत अन्य ग्रामीणों को इसकी जानकारी दी।
जैसे ही यह खबर फैली, आसपास के और लोग भी उस जगह पहुंच गए और उपकरण को देखने लगे। ग्रामीणों की भीड़ जमा होते देख, पुलिस को इस बात की जानकारी दी गई। घनसाली पुलिस स्टेशन के एसएचओ संजीव थपलियाल घटना स्थल पर पहुंचे और स्थिति की जानकारी ली।
उपकरण की तकनीकी जानकारी
इस घटना के बारे में जानकारी जुटाने पर पता चला कि यह उपकरण वास्तव में मौसम की जानकारी प्राप्त करने के लिए उपयोग किया जाता है। मौसम केंद्र में तैनात ड्यूटी ऑफिसर अनुज जायसवाल ने बताया कि यह एक हाइड्रोजन भरा हुआ गुब्बारा था, जिसे देहरादून मौसम केंद्र से हर सुबह उड़ाया जाता है। इसका उद्देश्य आसमान में लगभग 20 किलोमीटर की ऊँचाई तक जाकर मौसम के तापमान, वायुदाब, और हवा की गति जैसी जानकारी एकत्रित करना होता है।
उपकरण के काम करने की प्रक्रिया
मौसम विभाग द्वारा छोड़े गए इस गुब्बारे का काम बहुत महत्वपूर्ण होता है। यह गुब्बारा उड़ने के बाद लगभग 150 से 200 किलोमीटर की दूरी तय करता है और विभिन्न प्रकार की मौसम से जुड़ी जानकारी प्रदान करता है। इस जानकारी को मौसम पूर्वानुमान के लिए इस्तेमाल किया जाता है, जो कि कृषि, यात्रा, और आपदा प्रबंधन के लिए बेहद उपयोगी होता है।
ग्रामीणों में उत्सुकता
ग्रामीणों ने बताया कि पहले कभी इस प्रकार की घटना नहीं हुई थी, जिससे यह उनके लिए एक नई और रोचक घटना थी। पहले तो कुछ लोगों को लगा कि यह कोई विदेशी वस्तु हो सकती है या फिर किसी और प्रकार का उपकरण हो सकता है। हालांकि, पुलिस और मौसम विभाग की जानकारी से ग्रामीणों को राहत मिली और उन्होंने इसे एक सामान्य वैज्ञानिक प्रक्रिया के रूप में स्वीकार किया।
पुलिस और प्रशासन की भूमिका
घटना के बाद पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए ग्रामीणों को आश्वस्त किया कि यह उपकरण किसी भी तरह का खतरा नहीं है। पुलिस ने मौसम विभाग से मिली जानकारी के आधार पर यह बताया कि यह उपकरण पूरी तरह से सुरक्षित है और इसका मुख्य उद्देश्य मौसम की जानकारी एकत्रित करना है। पुलिस और प्रशासन की सजगता और त्वरित कार्रवाई से ग्रामीणों में फैली घबराहट को कम किया गया।
वैज्ञानिक महत्व
यह घटना मौसम पूर्वानुमान के लिए उपयोग किए जाने वाले उपकरणों और प्रक्रियाओं के बारे में जागरूकता बढ़ाने का भी एक अच्छा मौका था। आमतौर पर लोग यह नहीं जानते कि मौसम की सटीक जानकारी कैसे प्राप्त की जाती है। ऐसे उपकरण मौसम के अध्ययन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। हाइड्रोजन भरे गुब्बारे और उससे जुड़े उपकरणों की मदद से वैज्ञानिक मौसम के बारे में विस्तृत और सटीक जानकारी एकत्रित करते हैं।