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Hathras: 30 साल पुराना ‘दृश्यम’ जैसा मामला, हत्या कर घर में दफनाया शव, 30 साल बाद खुदाई शुरू

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Hathras: हाल ही में उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले के गिनलोडपुर गाँव से एक ऐसा मामला सामने आया है जिसने सभी को फिल्म ‘दृश्यम’ की याद दिला दी है। यह मामला इतना गंभीर और चौंकाने वाला है कि स्थानीय लोग और प्रशासन दोनों ही इस पर सतर्क नजर बनाए हुए हैं। यह घटना 30 साल पुरानी है, जिसमें एक व्यक्ति की हत्या कर दी गई थी और उसके शव को घर के अंदर ही दफना दिया गया था। अब, 30 साल बाद मृतक के बेटे द्वारा शिकायत करने पर प्रशासन द्वारा शव की तलाश में घर की खुदाई की जा रही है।

30 साल पुरानी घटना का हुआ खुलासा

इस पूरे मामले की शुरुआत तब हुई जब मृतक के बेटे, पंजाबी सिंह ने जिला प्रशासन को शिकायत दी कि उनके पिता की हत्या उनके ही परिवार के सदस्यों ने 30 साल पहले की थी और उन्हें घर के अंदर दफनाया गया था। उस समय पंजाबी सिंह की उम्र केवल 9 साल थी। उनका दावा है कि उस समय उनकी माँ, दो भाइयों और गाँव के एक अन्य व्यक्ति ने मिलकर उनके पिता की हत्या की थी। हत्या के बाद उसे डरा-धमकाकर चुप करा दिया गया था, जिसके कारण वह यह सब भूल गया था।

Hathras: 30 साल पुराना 'दृश्यम' जैसा मामला, हत्या कर घर में दफनाया शव, 30 साल बाद खुदाई शुरू

बेटे को याद आई पुरानी घटना

पंजाबी सिंह ने बताया कि 30 साल बाद, एक दिन जब उनका भाई नशे में था, तो उसने उन्हें उस घटना के बारे में बताया और उनकी पुरानी यादें ताज़ा हो गईं। इसके बाद उन्होंने पुलिस स्टेशन और उच्च अधिकारियों को इसकी शिकायत की और अपने पिता के शव की तलाश में खुदाई की मांग की। उनकी बात को गंभीरता से लेते हुए प्रशासन ने इस मामले की जांच शुरू की और खुदाई के आदेश दिए।

क्या है पूरा मामला?

यह घटना हाथरस जिले के मुरसान थाना क्षेत्र के गिनलोडपुर गाँव की है। गांव निवासी बुध सिंह के बेटे पंजाबी सिंह ने हाल ही में जिला मजिस्ट्रेट को एक आवेदन दिया था। उन्होंने बताया कि 1 जुलाई को उनके और उनके भाइयों प्रदीप कुमार और मुकेश कुमार उर्फ खन्ना के बीच पैसे के लेन-देन को लेकर विवाद हुआ था। इस पर दोनों भाइयों ने उन्हें धमकी दी कि हम तुम्हें भी वहीं भेज देंगे जहां 30 साल पहले तुम्हारे पिता को भेजा था।

पंजाबी सिंह का दावा है कि 30 साल पहले वह केवल 9 साल के थे। वह सर्दियों के दिन थे। गाँव के ही निवासी राजवीर का उनकी माँ उर्मिला देवी से दोस्ताना संबंध था, जिसे उनके पिता पसंद नहीं करते थे। इसी बात को लेकर उनके माता-पिता के बीच अक्सर झगड़ा होता रहता था। उनके दोनों भाई प्रदीप और मुकेश भी अपनी माँ का साथ देते थे। पंजाबी सिंह ने बताया कि उस समय वह अपने पिता के साथ सोते थे।

कैसे हुई थी हत्या?

घटना वाले दिन उनकी माँ उर्मिला और राजवीर ने उन्हें और उनके भाइयों को घर से बाहर दूसरे मकान में भेज दिया था। जब रात को उन्हें नींद नहीं आई तो वह अपने पिता के पास दूसरे घर गए। वहां उन्होंने देखा कि उनकी माँ, राजवीर और दोनों भाइयों ने मिलकर उनके पिता का गला घोंटकर हत्या कर दी थी। उनके पिता के मुँह में कपड़ा ठूंसकर उनकी हत्या की गई थी और फिर शव को छिपाने के लिए घर के अंदर ही गड्ढा खोदकर दफना दिया गया था।

पंजाबी सिंह ने बताया कि जब उन्होंने यह सब देखा, तो उन लोगों ने उन्हें धमकी दी कि अगर उन्होंने कुछ भी कहा तो उन्हें भी मार दिया जाएगा। इस डर से वह चुप हो गए और धीरे-धीरे इस घटना को भूल गए।

खुदाई के आदेश

कई सालों बाद, जब उनके भाई ने नशे की हालत में यह बात बताई, तो उनकी पुरानी यादें फिर से ताज़ा हो गईं। इसके बाद उन्होंने जिला मजिस्ट्रेट को शिकायत की और खुदाई की मांग की। जिला मजिस्ट्रेट के आदेश पर सदर एसडीएम नीरज शर्मा पुलिस बल के साथ गाँव पहुँचे और खुदाई का काम शुरू किया। पंजाबी सिंह का दावा है कि जिस स्थान पर उन्होंने अपने पिता को दफनाया हुआ देखा था, वहाँ आज भी उनके पिता का कंकाल मौजूद है।

खुदाई की प्रक्रिया

प्रशासन की देखरेख में खुदाई का काम शुरू हुआ। इस खुदाई में लगभग 15 फीट गहरे गड्ढे को खोदा जा रहा है। खुदाई करने वाले मजदूरों का कहना है कि इस प्रक्रिया में 12 घंटे से अधिक का समय लग सकता है। इस बीच, गाँव के लोग भी भारी संख्या में इकट्ठा हो गए हैं और सभी की नजरें इस बात पर टिकी हैं कि खुदाई के बाद क्या निकलता है।

पुलिस और प्रशासन की भूमिका

पुलिस और प्रशासन इस मामले में बेहद सतर्क हैं। चूंकि मामला 30 साल पुराना है, इसलिए इसे सुलझाना एक चुनौतीपूर्ण कार्य है। यदि खुदाई के बाद कोई कंकाल मिलता है, तो पुलिस उस कंकाल की जांच करेगी और डीएनए टेस्ट के जरिए यह पता लगाने की कोशिश करेगी कि वह कंकाल वाकई पंजाबी सिंह के पिता का है या नहीं।

कानूनी प्रक्रिया

अगर खुदाई में कंकाल मिलता है और उसकी पहचान मृतक बुध सिंह के रूप में होती है, तो यह मामला हत्या और सबूत छिपाने का बनता है। इस मामले में शामिल सभी आरोपियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। हालांकि, पुलिस को मामले की सत्यता की जांच के लिए कई चरणों से गुजरना पड़ेगा।

ग्रामीणों की प्रतिक्रिया

इस चौंकाने वाले मामले ने गाँव में सनसनी फैला दी है। ग्रामीणों का कहना है कि उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि उनके गाँव में ऐसा कोई रहस्य छिपा हो सकता है। कई ग्रामीणों को इस बात पर भी आश्चर्य हो रहा है कि इतने सालों बाद यह मामला कैसे सामने आया।

इस घटना ने स्थानीय लोगों के दिलों-दिमाग को हिला कर रख दिया है और अब सभी की नजरें प्रशासन की कार्रवाई और खुदाई के नतीजे पर टिकी हैं।

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