Dehradun Film Festival: दिव्यांगों ने देखी फिल्म ‘सैम बहादुर’, शाम को जुटेंगे बॉलीवुड सितारे
Dehradun Film Festival: देहरादून का 9वां अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव शुक्रवार से सिल्वर सिटी, राजपुर रोड में शुरू हो चुका है। यह फिल्म महोत्सव उत्तराखंड का सबसे बड़ा आयोजन माना जाता है, जहां बॉलीवुड सितारों, फिल्म निर्देशकों, गायक और अन्य कलाकारों से मिलने का सुनहरा अवसर स्थानीय जनता को मिलता है। इस वर्ष के महोत्सव की शुरुआत फिल्म ‘सैम बहादुर’ की स्क्रीनिंग से हुई, जिसे खास तौर पर दिव्यांग बच्चों के लिए दिखाया गया। इसके साथ ही आयोजन में ‘आंगन बाजार’ भी आयोजित किया गया, जहां महिलाओं और युवाओं ने अपने उत्पादों की प्रदर्शनी लगाई।
फिल्म ‘सैम बहादुर’ को देखने के लिए दिव्यांग बच्चों को विशेष रूप से आमंत्रित किया गया था। यह फिल्म भारत के बहादुर सेनानी सैम मानेकशॉ के जीवन पर आधारित है, जो भारतीय सेना के पहले फील्ड मार्शल थे। बच्चों के चेहरों पर इस प्रेरणादायक फिल्म को देखकर खुशी और गर्व साफ झलक रहा था। सिनेमा समाज का दर्पण है, और दिव्यांग बच्चों को इस आयोजन में शामिल करना एक सराहनीय पहल थी, जिससे उन्हें भी समाज की मुख्यधारा से जुड़ने का मौका मिला।
अंतर्राष्ट्रीय फिल्मों की धूम
यह महोत्सव न केवल भारतीय फिल्मों तक सीमित है, बल्कि इसमें अंतर्राष्ट्रीय फिल्मों की भी स्क्रीनिंग हो रही है। आयरलैंड, मोरक्को, फारसी और फिलीपींस की कई अंतर्राष्ट्रीय फिल्में भी इस महोत्सव में दिखाई जाएंगी। ये फिल्में विभिन्न संस्कृतियों और समाजों के अनुभवों को दर्शाती हैं, जिससे स्थानीय दर्शकों को दुनिया भर के सिनेमा का आनंद लेने का अवसर मिलता है। अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव के रूप में, यह आयोजन उत्तराखंड में सिनेमा की विविधता और कला को बढ़ावा देता है।
बॉलीवुड सितारों की शाम
फिल्म महोत्सव के पहले दिन की शुरुआत में ही यह स्पष्ट हो गया था कि उत्तराखंड की जनता के लिए यह एक शानदार अवसर होगा। महोत्सव के दूसरे और तीसरे दिन, यानी 28 और 29 सितंबर को, बॉलीवुड के कई जाने-माने चेहरे इस आयोजन में शिरकत करेंगे। बॉलीवुड के मशहूर अभिनेता, निर्देशकों और संगीतकारों की उपस्थिति इस फिल्म महोत्सव को और भी भव्य बना देगी।
प्रमुख फिल्मों की स्क्रीनिंग
27 सितंबर को फिल्म ‘अजमेर’ की विशेष स्क्रीनिंग होगी, जिसमें प्रमुख अभिनेता राजेश शर्मा और पुष्पेंद्र सिंह उपस्थित रहेंगे। यह फिल्म ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व की है, जो दर्शकों को एक नई दृष्टि से राजस्थानी इतिहास और समाज को समझने का अवसर प्रदान करेगी। इसके बाद, 28 सितंबर को श्याम बेनेगल की प्रसिद्ध फिल्म ‘मंथन’ की स्क्रीनिंग होगी। यह फिल्म भारतीय कृषि आंदोलन और सहकारी आंदोलन पर आधारित है, जिसमें ग्रामीण भारत की समस्याओं को बड़े ही सजीव रूप से चित्रित किया गया है। साथ ही, आयरिश फिल्म ‘अ टाउन वर्ल्ड 1995’ की भी स्क्रीनिंग की जाएगी, जो एक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक अनुभव प्रदान करेगी।
29 सितंबर को इला अरुण की प्रसिद्ध फिल्म ‘त्रिकाल’ की विशेष स्क्रीनिंग होगी, जो दर्शकों को गोवा के समाज और उसकी सांस्कृतिक विविधता के दर्शन कराएगी। इस फिल्म के साथ ही मोरक्को की फिल्म ‘सेलिब्रेशन’, फारसी फिल्म ‘कैटवुमन’ और फिलीपींस की एक अन्य फिल्म की भी स्क्रीनिंग होगी। ये फिल्में सिनेमा प्रेमियों को विश्व सिनेमा के अलग-अलग पहलुओं से रूबरू कराएंगी।
नए निर्देशक और निर्माता को मौका
इस महोत्सव में न केवल प्रसिद्ध फिल्मकारों की फिल्में दिखाई जा रही हैं, बल्कि नए निर्देशक और निर्माताओं को भी अपनी फिल्में दिखाने का अवसर मिला है। यह फिल्म महोत्सव नए और युवा फिल्मकारों के लिए एक बड़ा मंच प्रदान करता है, जहां वे अपनी प्रतिभा और सिनेमा के प्रति अपने जुनून को दिखा सकते हैं। कई उभरते फिल्मकारों ने इस महोत्सव में अपनी शॉर्ट फिल्मों, डॉक्यूमेंट्रीज और म्यूजिक एल्बम्स की स्क्रीनिंग की है। यह एक सुनहरा अवसर है, जहां नए फिल्मकार सिनेमा प्रेमियों और अनुभवी फिल्मकारों के साथ संवाद कर सकते हैं और अपनी कला को निखार सकते हैं।
सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स की मौजूदगी
फिल्म महोत्सव में सोशल मीडिया का भी अहम योगदान रहा है। इस वर्ष, कई सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स को भी आमंत्रित किया गया है, जो इस आयोजन को अपने प्लेटफार्मों पर साझा कर रहे हैं। इससे फिल्म महोत्सव को व्यापक दर्शकों तक पहुंचने का मौका मिला है। सोशल मीडिया के जरिए यह आयोजन न केवल स्थानीय स्तर पर बल्कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी सुर्खियां बटोर रहा है। इन्फ्लुएंसर्स की मौजूदगी इस महोत्सव को युवा पीढ़ी के बीच और भी लोकप्रिय बना रही है।
आंगन बाजार: महिलाओं और युवाओं का मंच
फिल्म महोत्सव के दौरान ‘आंगन बाजार’ भी आयोजित किया गया, जिसमें महिलाओं और युवाओं ने अपने-अपने उत्पादों की प्रदर्शनी लगाई। यह आयोजन उन लोगों के लिए एक मंच प्रदान करता है, जो अपने उत्पादों को प्रदर्शित कर रहे हैं और अपनी उद्यमशीलता को बढ़ावा दे रहे हैं। ‘आंगन बाजार’ में हैंडीक्राफ्ट्स, हस्तशिल्प, हस्तनिर्मित वस्त्र और अन्य घरेलू उत्पादों की प्रदर्शनी लगी। यह बाजार महिला उद्यमियों और छोटे उद्योगों के लिए एक बड़ा मंच साबित हो रहा है।
महोत्सव का महत्व
देहरादून इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल न केवल एक फिल्मी आयोजन है, बल्कि यह उत्तराखंड की कला और संस्कृति को बढ़ावा देने का भी एक महत्वपूर्ण मंच है। यह महोत्सव स्थानीय कलाकारों, उद्यमियों और फिल्मकारों को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिभा दिखाने का अवसर प्रदान करता है। इसके साथ ही, उत्तराखंड की जनता को भी अपने पसंदीदा फिल्मी सितारों से मिलने और विश्व सिनेमा का अनुभव लेने का मौका मिलता है।
भविष्य की ओर कदम
देहरादून फिल्म महोत्सव उत्तराखंड के सांस्कृतिक परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण योगदान कर रहा है। इस आयोजन के माध्यम से न केवल राज्य के कलाकारों को मंच मिल रहा है, बल्कि यह आयोजन उत्तराखंड को एक अंतर्राष्ट्रीय फिल्मी केंद्र के रूप में स्थापित कर रहा है। आने वाले वर्षों में, यह महोत्सव और भी बड़े स्तर पर आयोजित किया जाएगा, जहां और अधिक फिल्में, फिल्मकार और सिनेमा प्रेमी हिस्सा लेंगे।
देहरादून इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल उत्तराखंड की सांस्कृतिक धरोहर को सिनेमा के माध्यम से जीवंत बना रहा है और इसका भविष्य और भी उज्ज्वल नजर आ रहा है।