Delhi: यह दिल्ली के निवासियों के लिए एक बड़ी खबर है। जैसे कि हम सभी जानते हैं, सर्दियों में दिल्ली में प्रदूषण की समस्या कितनी गंभीर हो जाती है। इस बार दिल्ली सरकार ने पहले से ही सर्दियों में प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं। इसके लिए सरकार ने 21 बिंदुओं पर आधारित एक शीतकालीन योजना जारी की है। आवश्यकता पड़ने पर, सरकार दिल्ली में एक बार फिर ऑड-ईवन नियम लागू करने पर विचार कर सकती है।
पर्यावरण मंत्री का महत्वपूर्ण बयान
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि सरकार ने सर्दियों में प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए तैयारियों को तेज कर दिया है। उन्होंने कहा, “सर्दियों में प्रदूषण से निपटने के लिए एक शीतकालीन योजना बनाई गई है, जो 21 बिंदुओं पर आधारित है। हमने इन 21 बिंदुओं पर आधारित अलग-अलग रिपोर्टें सभी विभागों को सौंपी हैं, जिनके आधार पर शीतकालीन कार्य योजना तैयार की गई है।” उन्होंने बताया कि इस बार 13 हॉटस्पॉट्स पर ड्रोन के माध्यम से निगरानी की जाएगी और एक विशेष कार्य बल भी गठित किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि यदि दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 450 के पार जाता है, तो सरकार ऑड-ईवन लागू करने पर विचार करेगी।
कार्य योजना पर ध्यान
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री ने बताया कि इस वर्ष की शीतकालीन कार्य योजना 21 विभिन्न बिंदुओं पर केंद्रित होगी। इनमें हॉटस्पॉट्स, वाहन, धूल प्रदूषण, वर्क फ्रॉम होम, पराली और कचरे का जलना, और औद्योगिक प्रदूषण शामिल हैं। उन्होंने आगे कहा कि आपातकालीन उपाय के रूप में ऑड-ईवन की तैयारियों की भी योजना बनाई गई है, जिसमें पड़ोसी राज्यों के साथ संवाद और कृत्रिम बारिश के उपाय शामिल हैं।
प्रमुख बिंदुओं पर ध्यान
- हॉटस्पॉट्स की निगरानी ड्रोन के माध्यम से: पर्यावरण, DPCC, MCD, दिल्ली ट्रैफिक पुलिस, DDA, DSIIDC को हॉटस्पॉट्स की निगरानी के लिए नोडल एजेंसियों के रूप में नियुक्त किया गया है।
- विशेष कार्य बल का गठन: प्रदूषण नियंत्रण के लिए एक विशेष कार्य बल गठित किया गया है।
- धूल प्रदूषण का नियंत्रण: PWD, MCD, DCB, NDMC, DDA, CPWD, I&FC, DSIIDC, दिल्ली जल बोर्ड, दिल्ली मेट्रो, NHAI, और राजस्व विभाग को धूल प्रदूषण नियंत्रण के लिए नोडल एजेंसियों के रूप में नियुक्त किया गया है।
- मोबाइल एंटी-स्मॉग गन का संचालन: PWD और MCD को इसके लिए नोडल एजेंसियों के रूप में नियुक्त किया गया है।
- वाहनों के कारण होने वाले प्रदूषण का नियंत्रण: दिल्ली ट्रैफिक पुलिस, परिवहन विभाग, DIMTS, DTC, दिल्ली मेट्रो को इसके लिए नोडल एजेंसियों के रूप में नियुक्त किया गया है।
- पराली जलाने के कारण होने वाले प्रदूषण का नियंत्रण: विकास और राजस्व विभाग को इसके लिए नोडल एजेंसी बनाया गया है।
- ग्रीन वार रूम और ग्रीन दिल्ली ऐप: DPCC को इसे बेहतर बनाने के लिए नोडल एजेंसी नियुक्त किया गया है।
- औद्योगिक प्रदूषण: MCD, राजस्व, DSIIDC और DPCC को औद्योगिक प्रदूषण के लिए नोडल एजेंसियों के रूप में नियुक्त किया गया है।
- इलेक्ट्रॉनिक वेस्ट इको पार्क: भारत का पहला ई-वेस्ट इको पार्क स्थापित किया जा रहा है। इसके लिए पर्यावरण विभाग, DSIIDC और MCD को नोडल एजेंसी दी गई है।
- पटाखों पर प्रतिबंध: पर्यावरण विभाग, DPCC और दिल्ली पुलिस को पटाखों के जलने पर प्रतिबंध लगाने के लिए नोडल एजेंसियों के रूप में नियुक्त किया गया है।
जन भागीदारी और जन जागरूकता
सरकार ने प्रदूषण नियंत्रण में जन भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए भी कदम उठाए हैं। इसके तहत नागरिकों को प्रदूषण के प्रति संवेदनशील बनाने के लिए जन जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इसके अलावा, कार्यस्थलों में कार्य के घंटे में बदलाव और वर्क फ्रॉम होम की व्यवस्थाएं भी विचार की जाएंगी।
प्रदूषण के खिलाफ जागरूकता अभियान
दिल्ली सरकार प्रदूषण के खिलाफ जागरूकता फैलाने के लिए विभिन्न अभियानों का संचालन भी करेगी। दिल्ली में 7 अक्टूबर से एंटी-डस्ट अभियान शुरू किया जाएगा, जिसमें लगभग 200 मोबाइल एंटी-स्मॉग गन का उपयोग किया जाएगा। इसके साथ ही, “हरित रत्न पुरस्कार” शुरू किया जाएगा ताकि वृक्षारोपण के प्रति जागरूकता फैलाई जा सके। इसके अलावा, दिल्ली में एक एंटी-पॉल्यूशन मार्च भी आयोजित किया जाएगा और “रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ” अभियान को फिर से शुरू किया जाएगा।