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Uttarakhand: तिरुपति मंदिर प्रसाद मामले के बाद बदरी-केदार मंदिर में अब भोग और प्रसाद की गुणवत्ता की निगरानी

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Uttarakhand: विश्व प्रसिद्ध तिरुपति बालाजी मंदिर में मछली के तेल और पशु वसा के प्रसाद मामले के बाद, श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (BKTC) ने स्वच्छता को लेकर एक नई पहल शुरू की है। इस पहल के तहत, बदरीनाथ और केदारनाथ धाम सहित सभी मंदिरों में भोग और प्रसाद की गुणवत्ता को समय-समय पर जांचने का निर्णय लिया गया है, ताकि भोग प्रसाद प्रणाली की पवित्रता और गरिमा बनी रहे।

बैठक में लिए गए निर्णय

सोमवार को BKTC कार्यालय में खाद्य सुरक्षा और औषधि प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों तथा मंदिर समिति के अधिकारियों की बैठक हुई। इस बैठक की अध्यक्षता BKTC के अध्यक्ष अजेन्द्र अजय ने की। बैठक में भोग के प्रसाद की गुणवत्ता, उसकी पवित्रता, रखरखाव, खरीद और बिक्री, और भंडारण के मुद्दों पर चर्चा की गई।

Uttarakhand: तिरुपति मंदिर प्रसाद मामले के बाद बदरी-केदार मंदिर में अब भोग और प्रसाद की गुणवत्ता की निगरानी

बैठक में निर्णय लिया गया कि भोग-प्रसाद के लिए लाए गए खाद्य पदार्थों के भंडारण के लिए मानक निर्धारित किए जाएंगे। इसके साथ ही, मसालों, तेल और घी की खरीद के दौरान खाद्य सुरक्षा और मानकों प्राधिकरण (FSSAI) के लाइसेंस, अगमार्क (किसान प्रतीक) आदि के प्रतीकों की प्रामाणिकता की जांच करने पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। भोग-प्रसाद के निर्माण में शामिल कर्मचारियों द्वारा स्वच्छता से संबंधित मानकों का पालन सुनिश्चित करने का भी निर्णय लिया गया।

गुणवत्ता की निगरानी का महत्व

BKTC के अध्यक्ष अजेन्द्र अजय ने कहा कि मंदिरों में भोग और प्रसाद की गुणवत्ता की निगरानी समय-समय पर की जाएगी। BKTC के मुख्य कार्यकारी अधिकारी विजय प्रसाद थपलियाल ने कहा कि बदरीनाथ और केदारनाथ धाम के लिए मंदिर समिति द्वारा प्रसाद के रूप में सूखे सामानों का उपयोग किया जाता है। उन्होंने बताया कि भगवान के भोग के लिए सामग्री मुख्य रूप से दाताओं से प्राप्त की जाती है और दाताओं से उच्च गुणवत्ता वाले खाद्य पदार्थों को दान करने की अपील की गई।

खाद्य सुरक्षा के लिए SOP का निर्माण

खाद्य सुरक्षा और औषधि प्रशासन के उप कमिश्नर जीसी कंडवाल ने कहा कि भोग-प्रसाद के लिए खाद्य पदार्थों के दान और खरीद के लिए SOP (मानक संचालन प्रक्रिया) तैयार की जानी चाहिए। दाताओं द्वारा दी जाने वाली सामग्री की गुणवत्ता की जांच करने के लिए सभी आवश्यक उपाय किए जाने चाहिए।

उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि खाद्य सुरक्षा मानकों के बारे में जानकारी देने के लिए ‘फूड सेफ्टी ट्रेनिंग और सर्टिफिकेशन’ प्रशिक्षण का पहला चरण शुरू किया जाए। यह प्रशिक्षण उन व्यक्तियों के लिए होगा जो भोग-प्रसाद का निर्माण करते हैं।

प्रसाद की बिक्री और गुणवत्ता का नियंत्रण

बैठक में FDA की वॉच डॉग एसआई जगदीश रतूरी और कुलदीप नेगी आदि भी मौजूद थे। बैठक में इस बात पर जोर दिया गया कि प्रसाद और अन्य खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता सुनिश्चित की जाए। BKTC के मुख्य कार्यकारी अधिकारी विजय प्रसाद थपलियाल ने कहा कि मंदिर परिसर के बाहर प्रसाद बेचने वाले विक्रेता BKTC के नियंत्रण में नहीं हैं।

इस स्थिति में, जिला स्तर के नामांकित अधिकारियों के साथ एक बैठक आयोजित की जानी चाहिए, जिसमें खाद्य लाइसेंस पंजीकरण, खाद्य पदार्थों का भंडारण और रखरखाव, निर्माण और समाप्ति तिथि आदि के संबंध में कार्यवाही की जानी चाहिए। इस प्रक्रिया के अंतर्गत, प्रसाद और अन्य खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।

लोगों में जागरूकता

इस पहल के माध्यम से, मंदिर समिति यह सुनिश्चित करना चाहती है कि श्रद्धालुओं को उच्च गुणवत्ता का प्रसाद मिले। इसके अलावा, यह पहल भक्तों के विश्वास को बनाए रखने और भोग-प्रसाद के प्रति लोगों की धार्मिक भावनाओं को मजबूत करने में भी सहायक सिद्ध होगी।

भक्तों के लिए यह अत्यंत महत्वपूर्ण है कि वे जब भी मंदिर आते हैं, उन्हें पवित्र और सुरक्षित प्रसाद मिले। इसलिए, BKTC का यह कदम स्वच्छता और गुणवत्ता के प्रति एक सकारात्मक संकेत है।

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