PM Modi meet Zelensky: प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की की बैठक, शांति की दिशा में एक नया कदम

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PM Modi meet Zelensky: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमीर ज़ेलेंस्की से 32 दिनों में दूसरी बार मुलाकात की। यह महत्वपूर्ण बैठक सोमवार को न्यूयॉर्क में हुई, जब पीएम मोदी अमेरिका के दौरे पर थे। इससे पहले, पीएम मोदी ने 23 अगस्त को यूक्रेन की यात्रा के दौरान ज़ेलेंस्की से मुलाकात की थी। इस मुलाकात ने भारत की भूमिका को स्पष्ट किया है जो रूस-यूक्रेन संघर्ष को सुलझाने में महत्वपूर्ण है।

बैठक का उद्देश्य

प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की के बीच इस बैठक का मुख्य उद्देश्य द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करना और रूस-यूक्रेन संघर्ष को समाप्त करने के लिए बातचीत को आगे बढ़ाना था। पीएम मोदी ने अपने आधिकारिक X खाते पर कहा कि वे पिछले महीने की यात्रा के दौरान लिए गए निर्णयों को लागू करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

ज़ेलेंस्की ने पीएम मोदी के प्रयासों की सराहना की, विशेष रूप से युद्ध को रोकने के लिए उठाए गए कदमों के लिए। यह स्पष्ट है कि यह मुलाकात केवल एक औपचारिकता नहीं थी, बल्कि इसके पीछे गहरी रणनीति और सहयोग की भावना थी।

भारत की मध्यस्थता की भूमिका

भारत ने रूस-यूक्रेन संघर्ष में मध्यस्थता की भूमिका निभाने का संकल्प लिया है। पीएम मोदी ने ज़ेलेंस्की को आश्वासन दिया कि भारत शांति और स्थिरता बहाल करने के प्रयासों में सहयोग देने के लिए तत्पर है। उन्होंने कहा कि संघर्ष का समाधान ढूंढने के लिए एक रास्ता निकाला जाना चाहिए, जिससे दोनों पक्षों के बीच बातचीत शुरू हो सके।

यह ध्यान देने योग्य है कि भारत ने इस संघर्ष के दौरान तटस्थता का रुख अपनाया है और सभी पक्षों के साथ संवाद बनाए रखा है। इस दृष्टिकोण ने भारत को एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का अवसर प्रदान किया है।

ज़ेलेंस्की की प्रशंसा

यूक्रेन के राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की ने इस मुलाकात को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि यह वर्ष में पीएम मोदी के साथ उनकी तीसरी द्विपक्षीय बैठक है। उन्होंने भारत के साथ संबंधों को मजबूत करने और विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने की प्रक्रिया को सराहा। ज़ेलेंस्की ने कहा, “हम अंतरराष्ट्रीय मंचों, विशेष रूप से संयुक्त राष्ट्र और G-20 में संवाद बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। हम शांति फॉर्मूले को लागू करने और दूसरे शांति सम्मेलन की तैयारी के लिए भी सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं।”

आगे का रास्ता

आगामी BRICS शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच एक द्विपक्षीय बैठक की उम्मीद है। इस शिखर सम्मेलन में दोनों नेताओं के बीच संघर्ष विराम के मुद्दे पर बातचीत होने की संभावना है। BRICS शिखर सम्मेलन अक्टूबर में रूस के कज़ान शहर में होगा।

इससे पहले, पीएम मोदी ने पुतिन को बताया था कि यह युद्ध का युग नहीं है। यह एक महत्वपूर्ण बयान था, जिसने यह दर्शाया कि भारत शांति और बातचीत की दिशा में एक सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाने का इच्छुक है।

राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार की भूमिका

हाल ही में, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोवाल ने पीएम मोदी के संदेश के साथ रूस का दौरा किया। उन्होंने पुतिन के साथ पीएम मोदी का संदेश साझा किया, जिसका वीडियो दुनियाभर में वायरल हो गया। यह संकेत करता है कि भारत और रूस के बीच संवाद सक्रिय है और भारत ने शांति की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है।

ज़ेलेंस्की का आभार

ज़ेलेंस्की ने पीएम मोदी के साथ इस बैठक में भारत के सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि यह मुलाकात उनके देशों के बीच के संबंधों को और मजबूत बनाने में मदद करेगी। ज़ेलेंस्की ने यह भी कहा कि वे भारत के साथ अपने संबंधों को और विकसित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

भारत का सामरिक दृष्टिकोण

भारत ने इस संघर्ष के दौरान जो रणनीति अपनाई है, वह न केवल कूटनीतिक है बल्कि सामरिक भी है। भारत की स्थिरता और उभरती हुई शक्ति के कारण, अन्य देशों के साथ सहयोग बढ़ाने में यह महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। भारत की यह नीति विभिन्न अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उसकी स्थिति को मजबूत कर रही है।

वैश्विक शांति की दिशा में भारत की भूमिका

भारत की कूटनीति ने उसे एक स्थायी भूमिका प्रदान की है, जिससे वह वैश्विक शांति और स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण हो गया है। यह भारत की कूटनीतिक नीति का एक महत्वपूर्ण पहलू है, जो उसकी पहचान को वैश्विक स्तर पर मजबूत कर रहा है।

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