Noida के गार्डन्स गैलरिया मॉल में फिर हुई फायरिंग, सुरक्षा पर उठने लगे सवाल
Noida के सेक्टर-18 में स्थित गार्डन्स गैलरिया मॉल में फिर से एक गंभीर घटना घटित हुई है, जिसने मॉल की सुरक्षा पर गंभीर सवाल उठाए हैं। हाल ही में हुई फायरिंग के इस मामले ने पुलिस और प्रशासन की कार्यक्षमता पर चिंता बढ़ा दी है। रविवार को एक ग्रुप ने दूसरे ग्रुप पर फायरिंग की, जिसमें दो गोलियां चलाई गईं। इस घटना ने मॉल में मौजूद लोगों के बीच खौफ फैला दिया।
घटना का विवरण
इस फायरिंग की सूचना मिलते ही नोएडा पुलिस तुरंत मौके पर पहुंची और फायरिंग करने वाले व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार किए गए तीनों लोग खुर्जा के निवासी हैं। पुलिस ने बताया कि ये युवक मॉल में एक जन्मदिन की पार्टी में शामिल होने आए थे और उन्होंने शराब पी रखी थी। DCP राम बंदन सिंह के अनुसार, एक व्यक्ति पर गोली चलाई गई, जबकि दूसरी गोली हवा में चलाई गई।
पुलिस ने बताया कि फायरिंग की वजह एक छोटे से विवाद को बताया गया, जिसमें एक समूह के व्यक्ति का पैर दूसरे समूह के व्यक्ति से टकरा गया। इस विवाद के बाद, बाउंसरों ने उन्हें अलग किया, लेकिन इसके बावजूद फायरिंग हुई।
सुरक्षा पर उठ रहे सवाल
गार्डन्स गैलरिया मॉल, जो कि नोएडा का एक प्रमुख शॉपिंग और मनोरंजन केंद्र है, में एक साथ 20 से अधिक पब और बार हैं। शनिवार और रविवार को यहां बच्चों और परिवारों की भारी भीड़ रहती है। ऐसे में, मॉल में फायरिंग जैसी घटनाएं न केवल सुरक्षा की चिंता को बढ़ाती हैं, बल्कि इससे यहां आने वाले लोगों की सुरक्षा भी खतरे में पड़ती है।
एक गंभीर सवाल यह उठता है कि आरोपी मॉल के अंदर हथियार लेकर कैसे पहुंचे? क्या यह हथियार लाइसेंस प्राप्त था या नहीं? यह सवाल भी अनुत्तरित है कि मॉल की प्राइवेट सुरक्षा व्यवस्था कितनी प्रभावी है, क्योंकि इस तरह की घटना होने पर सुरक्षा के उपायों पर संदेह होता है।
पुलिस की नाकामी
नोएडा पुलिस की कार्यक्षमता भी इस मामले में संदेह के घेरे में है। कई बार मॉल में हिंसक घटनाएं हो चुकी हैं, लेकिन पुलिस ने अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। पहले भी गार्डन्स गैलरिया में एक क्लब के बाहर झगड़ा हुआ था, और एक महिला पत्रकार के साथ छेड़छाड़ की घटना भी हो चुकी है। इन सभी घटनाओं के बावजूद पुलिस सुरक्षा में सुधार करने में असफल रही है।
क्या हो सकता है समाधान?
मॉल की सुरक्षा को मजबूत करने के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है। सबसे पहले, मॉल में प्रवेश करने वाले सभी व्यक्तियों की सघन जांच होनी चाहिए, जिसमें मेटल डिटेक्टर्स और अन्य सुरक्षा उपकरणों का उपयोग किया जाए। इसके अलावा, पुलिस को मॉल के भीतर नियमित रूप से गश्त करनी चाहिए ताकि किसी भी प्रकार की अव्यवस्था को रोका जा सके।
सुरक्षा कर्मियों को भी प्रशिक्षित किया जाना चाहिए ताकि वे ऐसी परिस्थितियों का सही तरीके से सामना कर सकें। मॉल प्रबंधन को भी जिम्मेदारी लेनी चाहिए और सुनिश्चित करना चाहिए कि सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत किया जाए।