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Uttarakhand weather: सुबह-शाम तापमान में गिरावट, दिन में धूप कर रही है परेशान, 24 के बाद बारिश का अलर्ट

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Uttarakhand weather: उत्तराखंड में पिछले कुछ दिनों की लगातार बारिश के बाद मॉनसून की रफ्तार धीमी हो गई है। इसके चलते सुबह और शाम के समय तापमान में गिरावट दर्ज की जा रही है। हालांकि, दिन के समय चटक धूप के कारण गर्मी से लोग परेशान हो रहे हैं। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, मौसम के पैटर्न में हो रहे बदलाव के कारण सुबह, शाम और दिन के तापमान में यह अंतर देखने को मिल रहा है। आने वाले दिनों में दिन के तापमान में भी कमी आने की संभावना है।

Uttarakhand weather: सुबह-शाम तापमान में गिरावट, दिन में धूप कर रही है परेशान, 24 के बाद बारिश का अलर्ट

मॉनसून के अंतिम चरण में है उत्तराखंड

मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह के अनुसार, उत्तराखंड में मॉनसून अब अपने अंतिम चरण में है। आने वाले दिनों में बारिश की संभावना है, जिससे दिन के तापमान में भी गिरावट देखने को मिलेगी। हालांकि, यह गिरावट केवल उन्हीं दिनों में होगी जब बारिश होगी। अन्य दिनों में जब मौसम शुष्क रहेगा, तो मैदानी इलाकों में धूप के कारण अधिकतम तापमान सामान्य से तीन से चार डिग्री तक अधिक हो सकता है।

मौसम विभाग द्वारा जारी पूर्वानुमान के अनुसार, 24 सितंबर तक राज्य भर में मौसम साफ रहेगा। 25 सितंबर को पहाड़ी जिलों के साथ-साथ मैदानी इलाकों में भी कुछ स्थानों पर भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया गया है। यह अलर्ट मुख्य रूप से उन क्षेत्रों के लिए है जहां बारिश से जनजीवन प्रभावित हो सकता है।

धूप से हो रही है परेशानी

मॉनसून की धीमी गति के बावजूद, राज्य के मैदानी इलाकों में दिन के समय धूप लोगों के लिए समस्या बन रही है। तेज धूप और उच्च तापमान के कारण लोग दिन के समय बाहर निकलने से बच रहे हैं। हालांकि, सुबह और शाम के समय हल्की ठंडक महसूस हो रही है, जो मौसम में हो रहे बदलाव को दर्शाती है। पहाड़ी इलाकों में तापमान में थोड़ी गिरावट दर्ज की जा रही है, जबकि मैदानी इलाकों में दिन के समय तापमान सामान्य से अधिक बना हुआ है।

25 सितंबर से बारिश का अलर्ट

मौसम विभाग ने 25 सितंबर को राज्य के कुछ हिस्सों में भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है। यह अलर्ट मुख्य रूप से उन क्षेत्रों के लिए है जहां भारी बारिश से नुकसान हो सकता है, खासकर पहाड़ी जिलों में। यह बारिश मॉनसून के अंतिम चरण का हिस्सा हो सकती है, जो तापमान में गिरावट लाने के साथ-साथ राहत भी प्रदान करेगी।

हालांकि, मौसम वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि बारिश के कारण होने वाले भूस्खलन और जलभराव जैसी समस्याओं से सावधान रहने की आवश्यकता है। पहाड़ी इलाकों में बारिश के कारण सड़कों पर मलबा जमा हो सकता है, जिससे यातायात प्रभावित हो सकता है।

105 मोटर मार्ग अभी भी बंद

राज्य में बारिश के बाद मलबा जमा होने के कारण 105 मोटर मार्ग अभी भी बंद हैं। इनमें सबसे अधिक 21 मोटर मार्ग चंपावत जिले में बंद हैं। राज्य आपातकालीन संचालन केंद्र के अनुसार, बागेश्वर जिले में चार, देहरादून में तीन, रुद्रप्रयाग में 11, उत्तरकाशी में चार, नैनीताल में सात, पौड़ी में 12, अल्मोड़ा में तीन, पिथौरागढ़ में 14, चमोली में 18 और टिहरी जिले में आठ मार्ग बंद हैं।

मलबा हटाने और इन बंद मार्गों को खोलने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन खराब मौसम और भारी बारिश के कारण यह कार्य धीमी गति से हो रहा है। सड़क बंद होने से ग्रामीण इलाकों में यातायात पूरी तरह से प्रभावित है और लोगों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। प्रशासन इन सड़कों को जल्द से जल्द खोलने के लिए निरंतर काम कर रहा है, ताकि स्थानीय लोगों को राहत मिल सके।

भविष्य की चुनौतियाँ और संभावनाएँ

उत्तराखंड में मौसम के बदलते मिजाज को देखते हुए आने वाले दिनों में सतर्क रहने की आवश्यकता है। राज्य के पहाड़ी क्षेत्रों में भूस्खलन और मलबा गिरने की घटनाएँ आम हैं, खासकर भारी बारिश के दौरान। इसलिए, प्रशासन को पहले से तैयारी करनी होगी ताकि लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार, आने वाले दिनों में बारिश के साथ-साथ तापमान में गिरावट आ सकती है, जिससे लोगों को कुछ राहत मिलेगी। लेकिन यह ध्यान रखना होगा कि बारिश के दौरान सड़कों पर होने वाले मलबे और भूस्खलन से निपटने के लिए तैयारियाँ पूरी होनी चाहिए।

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